रायपुर. पति पत्नी के बीच लड़ाई होना आम बात है लेकिन बात बड़ी तब हो जाती जब इस लड़ाई का असर मासूम बच्चे पर पड़े जिनका कोई कसूर न हो। ऐसा ही एक मामला रायपुर के राज्य महिला आयोग में आया। जहां गुरुवार को जहां कई प्रकरणों में जनसुनवाई हुई। किसी एक प्रकरण में पति पत्नी की बीच लड़ाई का मामला आया जिसमें दोनों पक्षों को सुना गया, दोनों को अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने और लिखित में जवाब देने निर्देश दिया गया। जब दोनों पति पत्नी ने अपनी बात रख ली उसके बाद आयोग की तरफ से कहा गया कि आवेदिका चाहे तो अपना आवेदन संशोधन कर सकते हैं। इसी बीच उनकी बच्ची भी आई थी जिसने आयोग की अध्यक्ष के समक्ष निडरता से अपनी बात रखी और कहा मां-बाप की लड़ाई का असर बच्चों पर पड़ता है बच्चों ने आयोग से निवेदन किया कि हमारे मम्मी पापा को समझाइए ताकि हमारा भविष्य ना बिगड़े।
वही किसी दूसरे प्रकरण में आवेदिका के आरा मशीन का नवीनीकरण अनावेदक के द्वारा नहीं किया जा रहा है। जिसको लेकर आवेदिका ने शिकायत किया था आवेदिका का कथन है कि अनावेदक, आवेदिका के किसी भी दस्तावेज को डीएफओ के पास प्रस्तुत नहीं करता है और अड़ंगा लगाते हैं दोनों पक्षकारों के मध्य बहुत सारे दस्तावेज है जिसका अध्ययन करने के लिए टीम का गठन किया गया जिसमें आयोग की सदस्य एवं अधिवक्ता के समक्ष अपने दस्तावेजों को सिलसिलेवार जमा कर प्रस्तुत करें प्रकरण आगामी सुनवाई हेतु आगे बढ़ाया जाता है।
एक अन्य प्रकरण में दोनों ने अपनी शर्तें लिखी है शर्तों के आधार पर स्टांप में लिखाने के लिए फाइल काउंसलर को दिया जाता है। सोमवार को बुलाकर उनकी शर्तें फाइल कराएं तब प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाएगा।
दोनों पक्षों ने अपने दस्तावेज एक दूसरे को दिया और मूल प्रति आयोग को दिया दोनों पक्षों को समझाईश दिया गया की दस्तावेज के आधार पर बिंदुवार उत्तर 10 दिन के अंदर जमा करा देवें ताकि प्रकरण को आसानी से समझा जा सके प्रकरण आगामी सुनवाई हेतु रखा जाता है।एक अन्य प्रकरण में दोनों की काउंसलिंग कराई गई अनावेदक साथ रहने से इंकार कर रहा है अनावेदक तेलीबांधा में पुलिस विभाग (विशेष शाखा) में आरक्षक के पद पर है उसे 32000 प्रति माह वेतन मिलता है पिछले 1 वर्ष से पत्नी और बच्चे को कोई भी भरन पोषण राशि नहीं दिया है अनावेदक को निर्देश दिया गया है कि आवेदिका को आज 5000 रूपये आयोग के समक्ष देवें। अनावेदक ने 5000 रूपये आवेदिका को दिया है उभय पक्ष को अपनी शर्ते बनाने के लिए समझाइश दिया गया। ताकि सुलह ना होने के स्थिति में वह अपनी राजीनामा से तलाक ले सकें।
एक अन्य प्रकरण में अवेदिका ने बताया कि 2 बेटियां होने के कारण घर से निकाल दिया है। अनावेदक क्रमांक 1 बच्चे वाली पूर्व विवाहित से शादी कर लिया है और उसकी फोटो आवेदिका ने अभिलेख में संलग्न किया है अनावेदक 1 व 3 से पूछे जाने पर साफ मना कर रहा है। आवेदिका के भाई ने बताया कि अनावेदक क्रमांक 1 ने जिस महिला से दूसरी शादी किया है पामगढ़ के विद्ययाडीह की रहने वाली है आवेदिका के भाई को समझा दिया गया कि वह लगातार अनावेदक 1 और 3 के ऊपर नजर रखें और जहां पर भी अनावेदक 1 या 3 दूसरी विवाहित पत्नी के साथ नजर आए उन्हें पकड़कर आसपास के थाना जाकर रिपोर्ट दर्ज कराएं और आयोग को सूचित करें इस प्रकरण की निगरानी के लिए आयोग की सदस्य को दिया जाता है और आवेदिका को आज के सुनवाई की आडर्रशीट की कॉपी निशुल्क दिया गया ताकि दूसरी विवाहिताको पहचान कर थाना में उपस्थित कर सके आवेदिका के पास महिला थाना की प्रति सूचना के अधिकार से प्राप्त कर आयोग में जमा करें प्रकरण आगामी सुनवाई में दस्तावेजों के आधार पर सुनाना जाएगा।
छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 164 वीं जन सुनवाई हुई। रायपुर की आज की जनसुनवाई में कुल 27 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे।