सन्त कबीर समागम में शामिल हुए मुख्यमंत्री रमन सिंह

KABEER SMAGAM
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दामाखेड़ा ने देश-विदेश में बनायी छत्तीसगढ़ की पहचान: डॉ. रमन सिंह

रायपुर

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों की सादगीपूर्ण और सौहार्द्रपूर्ण जीवन शैली में सन्त कबीर के अनमोल विचारों का अमिट प्रभाव देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि लगभग छह सौ वर्षो का लम्बा समय गुजर गया है, लेकिन सन्त कबीर के विचार आज भी प्रासंगिक और प्रेरणादायक हैं। मुख्यमंत्री आज बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के दामाखेड़ा में सदगुरू कबीर सन्त समागम और माघ मेले के कार्यक्रम में विशाल जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे।

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि दामाखेड़ा कबीर पंथ का प्रमुख केन्द्र है, जहां छत्तीसगढ़ सहित दुनिया के अनेक देशों से श्रद्धालु आते हैं। इससे दामाखेड़ा को कबीर पंथ के एक अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र के रूप में दुनिया भर में ख्याति मिली है। दामाखेड़ा ने अपनी इस विशेषता के साथ देश-विदेश में छत्तीसगढ़ की पहचान बनायी है। कार्यक्रम में दामाखेड़ा के सन्त श्री प्रकाश मुनि नाम साहेब, विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय, विधायकगण सर्वश्री शिवरतन शर्मा और अवधेश चन्देल तथा पूर्व मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू भी उपस्थित थे। डॉ. रमन सिंह ने समारोह में छत्तीसगढ़ सहित देश-विदेश से आए सन्त कबीर के अनुयायियों का अभिनंदन करते हुए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। डॉ. सिंह ने कहा कि सन्त कबीर ने सामाजिक कुरीतियों को दूर करने और सभी समाजों, सभी धर्मो और समुदायों के बीच सदभावना के विकास के लिए अपना पूरा जीवन अर्पित कर दिया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सन्त समागम में डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सन्त कबीर जैसे महान सन्तों के आशीर्वाद से ही छत्तीसगढ़ आज भारत के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में अपनी सफलता का परचम लहरा रहा है। डॉ. रमन सिंह इस मौके पर सन्त श्री प्रकाश मुनि नाम साहेब के आग्रह पर दामाखेड़ा में सन्त कबीर मानसरोवर के सौन्दर्यीकरण और बस स्टैण्ड से नहर तक एक किलोमीटर पहुुंच मार्ग तथा धर्मशाला के पास सीमेन्ट कांक्रीट सड़क निर्माण की स्वीकृति तुरन्त प्रदान कर दी। समारोह को विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय और विधायक श्री शिवरतन शर्मा ने भी सम्बोधित किया। सन्त श्री प्रकाश मुनि नाम साहेब ने कबीर दास जी की वाणी का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।