रायपुर, 15 जनवरी 2014
तिब्बती धर्मगुरू एवं नोबल पुरस्कार से सम्मानित श्री दलाई लामा ने आज सुबह यहां राजीव स्मृति वन में पीपल का एक पौधा रोपित किया। राज्यपाल श्री शेखर दत्त ने भी इस अवसर पर यहां पीपल का एक पौधा रोपित किया। श्री दलाई लामा ने उगते सूर्य के बीच रोपित पौधे को ’खाता’ पहनाया और उनका नमन किया।
पौधरोपण के उपरांत श्री दलाई लामा जब चहलकदमी करते हुए राज्यपाल जी के साथ उनके पौधरोपण स्थल जा रहे थे, तो राजीव स्मृति वन के भव्य एवं कलात्मक द्वार देखकर ठिठककर रूक गये और उन्होंने इसके बारे में विस्तार से जानकारी ली। प्रभारी प्रमुख मुख्य वन संरक्षक श्री ए.के. सिंह ने गेट के बारे में बताया कि यह छत्तीसगढ़ के बस्तर के लौह कला के आधार पर बनाया गया है, इसके सबसे ऊपर में बायसन का मुखौटा है, जो छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु भी है। श्री दलाई लामा ने गेट की कलाकृतियों तथा बने लौह की चादर से बने बाइसन की मूर्ति तथा पत्तियों के आकार की लौह कलाकृतियों को हाथ लगाकर देखा और उसकी तारीफ की। वन विभाग अधिकारियों ने राजीव स्मृति वन के परिकल्पना की भी जानकारी दी तथा बताया कि अति विशिष्ट नागरिकों के साथ छत्तीसगढ़ के आम नागरिकों ने भी अपने पुरखों तथा प्रियजनों के नाम पर यहां पौधे रोपित किये हैं, ये पौधे अब भव्य आकार के हो गये हैं। इस अवसर पर राज्यपाल एवं वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमिताभ जैन भी उपस्थित थे।