अम्बिकापुर. छत्तीसगढ़ की राजनीति में झीरम कांड का बहुत ही हृदय विदारक महत्व है.. क्योंकि इस कांड की वजह से एक प्रकार से छत्तीसगढ़ में राजनीतिक शून्यता आ गई थी. कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व झीरम कांड़ में शहीद हो गए थे.. और कांग्रेस पार्टी भी रसातल में चली गई थी.
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में प्रतिवर्ष 25 मई को ‘झीरम श्रद्धांजलि दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश जारी किया है. राज्य सरकार ने कहा है कि 25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सल हिंसा के शिकार हुए राज्य के वरिष्ठ नेताओं, सुरक्षा बलों के जवानों और विगत वर्षो में नक्सल हिंसा के शिकार हुए. सभी लोगों की स्मृति में 25 मई को प्रतिवर्ष ‘झीरम श्रद्धांजलि दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा.
इसी क्रम मे खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के अनुयायियों द्वारा गठित अमरजीत भगत फैंस क्लब के यूवा सदस्यों द्वारा स्थानीय अजिरमा स्थित व्रद्धाश्रम मे दूध एवं फल वितरण किया गया. साथ ही यूवा विंग द्वारा वहाँ निवासरत वरिष्ठ जनों के स्वास्थ्य की जानकारी भी ली गई.. और वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संबंध मे जरूरी जानकारी एवं बचाव के तरीकों से भी अवगत कराया गया.
बस्तर के झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर ताबड़तोड़ हमला कर 35 नेताओं और कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया था. इस हमले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा, पूर्व विधायक उदय मुदलियार को नक्सलियों ने अपना निशाना बनाया था.
कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा के दौरान बस्तर के झीरम में हुए नक्सली हमले में हमारे दिवंगत कांग्रेस के तमाम नेताओं को याद किया गया. जिन्होंने अपने खून से प्रदेश में परिवर्तन की एक लहर लाई.. और प्रदेश की मिट्टी में हसते-हसते विलीन हो गए.
सभी शहीदों को नम आंखों से याद करते हुए दो मिनट का मौन धारण कर विनम्र श्रद्धांजलि दी गई. इस आयोजन को सफल बनाने मे अमरजीत भगत फैंस क्लब के सभी सदस्यों का योगदान रहा. जिसमें मुख्य रूप से राधे अग्रवाल, धीरज पटवा, अतुल यादव एवं अन्य सदस्य मौजूद थे.