लॉकडाउन में छत्तीसगढ़ के इस ज़िले से बिकी करोड़ों की सब्जी…अबतक इतने टन सब्जियों की हो चुकी बिक्री…मिर्च, टमाटर, खीरा के साथ बैगन, करेला की बिक्री को बढ़ावा

जगदलपुर. कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम के लिए लॉकडाउन के अवधि में कृषकों को उद्यानिकी फसलों के विक्रय करना एक चुनौती बनगया था..और ऐसे स्थिति में कृषकों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा था. कृषकों को फसलों को ओंने पौने दाम में बेचने पर विवश होना पड़ रहा था..या फिर कृषकों ने फसल की तुड़वाई बंद कर दी थी.

इसके निराकरण के लिए प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के निर्देशानुसार जगदलपुर उद्यान विभाग के अधिकारी और मैदानी अमले ने कृषकों से सम्पर्क कर फसलों की विक्रय और परिवहन में आ रही दिक्कतों के समाधान के लिए कलेक्टर डॉ. अय्याज तम्बोली से निवेदन किए कि सब्जियों के परिवहन का तत्काल निराकरण करें. कलेक्टर डॉ. तम्बोली ने सब्जी वाहनों के लिए परिवहन पास जारी करते हुए पुलिस विभाग को भी सहयोग करने के निर्देशित किया गया.

उद्यान विभाग जगदलपुर के द्वारा बड़े सब्जी व्यापारियों से आग्रह किया गया कि वे लोग अधिक से अधिक सब्जियों की खरीदी करें. इन प्रयासों का सार्थक नतीजा मिला. जहां लॉक डाउन के प्रारम्भ में मिर्च का भाव 4 से 6 रुपए प्रति किलो मिल रहा था वो अब 11-13 रुपए प्रतिकिलो मिल रहा है. इसी प्रकार टमाटर का दर प्रतिकिलो 3-4 रुपए से बढ़कर 8-10 रुपए हो गया है. सबसे खराब स्थिति में खीरा की फसल थी. तात्कालिक समय में प्रतिकिलो 1-2 रुपए की दरपर विक्रय हो रहा था. अब खीरा का दाम प्रतिकिलो 5-7 रुपए कृषकों को मिल रहा है.

जिले के बकावंड, तोकापाल बस्तर के मिर्च, टमाटर और खीरा का निर्यात रायपुर, भिलाई, नागपुर (महाराष्ट्र), हैदराबाद (तेलंगाना), ओड़ीसा और मध्यप्रदेश राज्य में किया गया. अबतक विभागीय प्रयास से लगभग 4500 मिट्रिक टन (3000 मि.टन मिर्च, 500 टन टमाटर और 100 टन खीरा) सब्जियों का विक्रय किया गया है. मिर्च, टमाटर, खीरा के साथ-साथ बैगन एवं करेला की बिक्री को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.