छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बागबाहरा रेंज में शनिवार सुबह भालू के हमले से तेंदुकोना, भदरसी और बाम्हन सरा में पांच ग्रामीण घायल हो गए। इन्हें ग्रामीणों की सहायता से उपचार के लिए समीपस्थ अस्पताल ले जाया गया। जहां इनका प्राथमिक उपचार किया गया। इनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है।
भदरसी निवासी कलानाथ 72 पुत्र मेघनाथ गोंड़ सुबह साढ़े पांच बजे घर से खेत जाने निकले। तभी पास स्थित जंगल से भालू निकला और उनपर पीछे से हमला कर काट कर घायल कर दिया। कलानाथ ने शोर मचाया तो घर के अन्य सदस्य लाठी डंडा लेकर निकले तब भालू जंगल की ओर भाग निकला।
इसी तरह शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे बाम्हनसरा निवासी संतराम ध्रुव पुत्र गणेश राम महुआ बिनने निकले। इसी दौरान भालू ने अचानक उनपर हमला कर दिया। जिससे उनके दाहिने हाथ मे चोट आई है। अन्य घटना तेंदुकोना में हुई। जहां भालू के हमले से तीन लोग घायल हुए। तेंदुकोना निवासी हीरासिंह (40 वर्ष) पुत्र हरचंद पटेल शनिवार सुबह घर से घूमने निकले जिन पर भालू ने हमला कर घायल किया।
तेंदुकोना की ही फूलबाई 61 पत्नी लाहौर सिंह सुबह सवा पांच बजे महुआ बिन रही थी, तभी भालू ने हमला किया। भालू ने महुआ बिन रहे रघुवर सिंह 60 पुत्र गोतराम यादव पर भी हमला किया। हालांकि किसी भी घटना में भालू लोगों को अधिक नुकसान नहीं पहुंचा पाया। लोगों की सक्रियता से बड़ी घटना टल गई।
बता दें कि छग वन कर्मचारी संघ के बैनर तले वन रक्षक वन कर्मी सभी अपनी मांगों को लेकर 13 दिनों से हड़ताल पर हैं। इनसे वन मंत्री और पीसीसीएफ से दो बार की बातचीत हुई है। पर मांगो को पूरा करने लिखित आश्वासन नहीं मिला है, जिससे हड़ताल जारी है। हड़ताल से वन्य क्षेत्र वन्य जीवों का बुरा हाल है। लकड़ी चोर, शिकारी सभी सक्रिय हैं। वनों में आगजनी की घटनाएं बढ़ गई है। इधर वन्य क्षेत्रों में पेयजल की भी दिक्कत है। वनों की निगरानी नहीं हो रही है।
वनों की आगजनी रोकने वन विद्यालय प्रशिक्षण शाला से 40 प्रशिक्षुओं को जिले के पांच परिक्षेत्र में बांटा गया है। ये ब्लोयर मशीन, अग्निशमन पेटी, फायर वाचर के सहयोग से आग पर काबू पाने प्रयासरत हैं।