लाईवलीहुड कालेज में प्राप्त प्रशिक्षण ने आमिर खान के जीवन की बदली तस्वीर

कोरबा

कोरबा जिले के करतला विकासखंड अन्तर्गत हाथी प्रभावित ग्राम नोनबिर्रा की गलियों में खेल कूदकर व गांव की ही शाला में पढ़कर पले-बढ़े आमिर खान को कुछ समय पहले तक कोई नहीं जानता था और न ही उसकी को ई कद्र होती थी। इसके पीछे कारण शायद यही था कि आमिर 12 वीं की परीक्षा गणित विषय में पास तो था, लेकिन बेरोजगार था। उसके पास कुछ काम नहीं था। मुफलिसी से जूझते आमिर को जब मालूम हुआ कि मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के माध्यम से सभी वर्ग के बेरोजगारों को निःशुल्क प्रशिक्षण उनकी अभिरूचि के अनुसार दिया जा रहा है तब उसने लाइवलीहुड कालेज में दस्तक दी। लाइवलीहुड कालेज के पा्रचार्य से प्राप्त मार्गदर्शन ने उसके कुछ सीखने और आगे बढ़ने के हौसले को हिम्मत दी। लाइवलीहुड कालेज में कुछ माह की ट्रेनिंग ने गांव के आमिर की तस्वीर ही बदलकर रख दी। कल तक लोगों से बात करने में भी झिझकने वाला आमिर आज शहर में पढ़े लिखे युवक युवतियों को पढ़ा रहा है। अपने पैर पर खड़ा होने के साथ ही वह कालेज की पढ़ाई भी कर रहा है। अब चाहे क्लास रूम हो या बाहर, जी सर, यस सर, नमस्ते सर के साथ आमिर का सम्मान होता है।
करतला विकासखंड के अन्तर्गत स्थित ग्राम नोनबिर्रा एक वनांचल क्षेत्र है। यहां रहने वाले अधिकांश ग्रामीण खेती किसानी ही करते हैं। गांव में हायर सेकेण्डरी स्कूल है, जहां दूर-दूर से छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने पहुंचते हैं। गांव के आसपास जंगली हाथियों का डेरा आए दिन  लगा रहता है। नोनबिर्रा गांव के आमिर खान पिता वाजब खान को जब लाइवलीहुड कालेज खुलने और निःशुल्क व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान किए जाने की जानकारी मिली तो उसने भी प्रशिक्षण हेतु आवेदन दिया। लाइवलीहुड कालेज में आमिर ने कम्प्यूटर , इलेक्ट्रिकल एवं वेल्डर ट्रेड पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। लाइवलीहुड कालेज में भोजन एवं रहने की संपूर्ण व्यवस्था के साथ विषय विशेषज्ञों के कुशल मार्गदर्शन ने आमिर के आत्म विश्वास को बढ़ाया। अब आमिर भले ही पंाच हजार रूपए की मासिक तनख्वाह में कम्प्यूटर संबंधी क्लास लेता है लेकिन वह तरक्की की राह में आगे बढ़ चुका है। आमिर ने बताया कि कुछ माह की ट्रेनिंग ने उसके जीवन में काफी बदलाव ला दिया है। कम्प्यूटर टीचिंग में पांच हजार मिलने के साथ ही विद्युत सुधार कार्य में भी अब उसकी अतिरिक्त कमाई हो जाती है। इससे उसका खर्च चलने के साथ कुछ बचत भी हो जाती है। आमिर ने बताया कि लाइवलीहुड कालेज में गरीब एवं बेरोजगार युवकों के लिए रहने एवं भोजन की व्यवस्था के साथ अलग-अलग विषय में प्रशिक्षण देकर उन्हें अपने पैरों में खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है, जो अत्यंत ही सराहनीय है।
आमिर ने बताया कि उसेे और उसके साथ प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले दोस्तों को हास्टल में रहने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई। स्कूल की तरह यहां प्रशिक्षण का समय निर्धारित था और विषय विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा कक्षाएं ली जाती थी। उसने बताया कि अब उसको सभी सम्मान की नजर से देखते हैं।  लाइवलीहुड कालेज में प्राप्त प्रशिक्षण ने न केवल आमिर को आत्मनिर्भर बनाया बल्कि उसको जीवन जीने के लिए नया संबल और आत्मविश्वास भी प्रदान किया। आमिर ने अपने क्षेत्र के बेरोजगार युवक-युवतियों को लाईवलीहुड कालेज में मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना अंतर्गत संचालित मनपसंद व्यवसाय में प्रशिक्षण प्राप्त कर आगे बढ़ने की अपील की है।