चिरमिरी से रवि कुमार सावरे की रिपोर्ट..
(विडंबना)
सफाई को लेकर प्रशासन का उदासीन रवैया
15 अगस्त-26 जनवरी या जयंती के बाद भुल जाते हैं साल भर नही आती है महापुरुषो की याद
देश को आजाद हुए भले ही 67 साल पुरे हो गए हैं और देश की जनता भले ही आजाद भारत मे आजादी महशूश कर रही हो । लेकिल देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले क्रांतिकारी महापुरुष एवं चिरमिरी को भारत के नक्शे में जगह दिलाने वाला व्यक्ति स्व विभुतिभुषण लहडी , दादु लहडी एंव अन्य महापुरुषों का आदर इन दिनों सिर्फ कागजो में किया जाता हैं।
देश को आजाद करने के लिए फिरंगियो से लडतें हुए कई महापुरुषो ने अपनी जान की कुर्बानी दे दी। आज देश के लगभग सभी छोटे बडें शहरों,गाँवो और कस्बों के चौक-चौराहो में उन्ही महापुरुषो की याद में उनकी प्रतिमा तो लगा दी गई है ,, लेकिन प्रतिमाओ की सुरक्षा और देखरेख में प्रशासन का उदासीन रवैया किसी से छुपा नही है । हर कही महापुरुषों की प्रतिमा या तो धूल खा रही है . या फिर रखरखाव के आभाव मे क्षतिग्रस्त होती जा रही है।
चिरमिरी नगर पालिक निगम क्षेत्र मे आलम ये है कि प्रतिमा की चौक चौहारो मे लगी महापुरुषो की प्रतिमा की साफ-सफाई साल में महज दो बार वो भी दिखावे के तौर पर की जाती हैं, बाकी समय प्रशासन की नजर तक इन पर नही पडती है । विशेष रंग के पत्थर से बने प्रतिमा का रंग धुल से लाल पीला हो कर बदरंग होता जा रहा है।
चिरमिरी नगर पालिक निगम क्षेत्र मे प्रशासनिक उदासीनता के कुछ उदाहरण..
0 चिरमिरी नगर निगम से हल्दी बाड़ी आने वाले मुख्य मार्ग पर डाँ श्यमा प्रसाद मुर्खजी उनके जन्म दिवस में डाले गए फुल की मालाएं सड़-गल कर सुख जाने के बावजूद अब भी लटक रहा हैं।
0 आजाद नगर गोदरी पारा पार्क में लगाये गए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा में उनके जन्म दिवस 02.10.2012 मे जो फुल की मालाएं डाले थे वो आज भी लटक रही हैं।
0 जय स्तभ चौक डोमनहील में टेक्सी चालको का डेरा
एतिहासिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माने जाने वाला जय स्तंभ चौक डोमनहील क्षेत्रा भी प्रशासन के अनदेखी का शिकार हो रहां हैं।
बात यही नही थमती शहर के अन्तिम क्षेत्रा माने जाने वाला
0 बरतुंगा में शहीद भगत सिंह चौक कि स्थिति इतनी बदहाल हैं कि इसके बनने के बाद से ना तो कभी प्रशासन के लोग इसे देखने गया और ना ही इस चौक का सम्मान हुआ हद तो तब हो गई इसमें लागाये लाइट को भी चोरो ने पार कर दिया गया
विशेष दिनों का हमेशा रहता हैं इंतजार
शहर में स्थापित महापुरुषों के प्रतिमा को अपने साफ-सफाई और देखरेख के लिए खास लम्हों का हमेंशा ही इंतजार रहता हैं ।