जशपुर/पारसनाथ सिंह. छत्तीसगढ़ के जशपुर में इन दिनों शासकीय आश्रम और छात्रावासों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे है. वर्तमान में गर्मी की छुट्टी होने की वजह से छात्रावासों में बच्चों की मौजूदगी नहीं है. शायद यही वजह से है कि अफ़सर आश्रम और छात्रावासों की ओर नजर नहीं फेर रहे है. जिससे आश्रम और छात्रावासों का गलत कार्यों में उपयोग किया जा रहा है. ऐसा ही एक मामला बगीचा विकासखंड अंतर्गत गुरम्हाकोना गांव में संचालित शासकीय अनुसूचित जनजाति बालक आश्रम से सामने आया है.
इस आश्रम में पदस्थ पूर्णकालिक स्वीपर रविवार की रातभर एक महिला के साथ था और प्रशासन बेखबर बना रहा. मामला तब सामने आया जब पूर्णकालिक स्वीपर को किसी गैर महिला के साथ ग्रामीणों ने रंगेहाथ अपतिजानक हालत में पकड़ लिया. जिसके बाद हॉस्टल में हॉस्टल में तालाबंदी की गई. और सुबह छात्रावास अधीक्षक, सरपंच व ग्रामीणों ने मिलकर दोनों को आश्रम से बाहर निकाला. और सवाल-जवाब के बाद पंचनामा तैयार कर उच्चअधिकारियों को अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की.
ये है पूरा मामला
दरअसल, गुरम्हाकोना के शासकीय बालक आश्रम में रविवार की रात 9 बजे आश्रम का पूर्णकालिक स्वीपर त्रिलोचन यादव किसी महिला को लेकर आश्रम में पहुंचा. जो वहां पहले से नाइट ड्यूटी कर रहे दूसरे भृत्य बुधनाथ से आश्रम का चाबी लेकर अंदर चला गया. ग्रामीणों के मुताबिक दोनों रातभर आपत्तिजनक हालत में आश्रम के अंदर रहे. आश्रम समिति के अध्यक्ष को इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने भोर में 3 बजे इसकी जानकारी आश्रम के अधीक्षक सुरेश राम को फोन पर दी.
महिला का पति भी पहुंचा
मामले में तब सब कुछ स्पष्ट हो गया. जब स्वीपर त्रिलोचन यादव के साथ पकड़ी गई महिला का पति भी मौके पर पहुंच गया. और उसने सब कुछ अपनी आंखों से देखा. पता चला कि महिला बगीचा बाजार आई हुई थी. और बस छूट जाने की बात कहकर ऑटो में घर जाने की बात अपने पति को बताई थी. जब महिला घर नहीं पहुंची तो पति ने भी खोजबीन शुरू कर दी थी. उसे शक था कि महिला गुरम्हाकोना के आश्रम में गई होगी. पति जब आश्रम पहुंचा तो उसने त्रिलोचन यादव और महिला को आपत्तिजनक हालत में देख लिया.
अधिकारियों को दी जानकारी
सुबह आश्रम अधीक्षक ने सरपंच व अन्य ग्रामीणों को बुलाकर दोनों को आश्रम से बाहर निकाला. और पंचनामा तैयार कर उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. आश्रम अधीक्षक ने अपना बचाव करते हुए भृत्य के निलंबन की मांग की है. हालांकि आश्रम में किसी भी प्रकार की घटना के लिए आश्रम अधीक्षक की पूर्ण जिम्मेदारी बनती है. इधर गैर जिम्मेदार पूर्णकालिक स्वीपर के कृत्य से कहीं न कहीं आश्रम की सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में है.
आश्रम अधीक्षक ने कहा
आश्रम अधीक्षक सुरेश राम का कहना है उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था. इसलिए उन्होंने रविवार की दोपहर 3 बजे आश्रम के कर्मचारी बुधनाथ राम को चाबी सौंपकर चले गए. इस बीच उनके आश्रम का पूर्णकालिक स्वीपर त्रिलोचन एक महिला के साथ आकर शायद आश्रम में रुका था. इस बीच उन्हे सूचना मिली कि उनका भृत्य किसी महिला को लेकर आश्रम में आया है. जब वे आश्रम में पहुंचे तो सुबह 7 बजे के करीब महिला-पुरुष दोनों मिले. इसके बाद गांव सरपंच के सरपंच को सूचित कर दोनों को आश्रम से बाहर निकाले. आश्रम अधीक्षक ने कर्मचारियों के सस्पेंशन की कार्रवाई की मांग के साथ थाना में शिकायत करने की बात कही है.
स्वीपर की सेवा समाप्त
सहायक आयुक्त बीके राजपूत ने बताया कि आश्रम में पदस्थ स्वीपर त्रिलोचन यादव कलेक्टर दर पर था. स्थाई नहीं था. इसलिए उसका सेवा समाप्त कर दिया गया है. इस तरह का कृत्य नहीं करना चाहिए. इसलिए कार्रवाई की गई है. वहीं आश्रम और छात्रावासों के निरीक्षण के सवाल पर कहा. जहां काम चल रहा है ऐसी संस्थाओं का निरीक्षण होता है. बाकी संस्थाओं में अधीक्षक जाते रहते है.