बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..2 अगस्त को लॉक डाउन के दौरान सुरजपुर पुलिस द्वारा बीमार महिला का रास्ता रोककर उसे वापस भेजने और उसकी मौत हो जाने के मामले ने सियासी रंग ले लिया है..बीमार महिला बिहानी पनिका के मौत जांच के लिए भाजपा विधायक दल की एक टीम पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष नारायण चन्देल के नेतृत्व 4 सदस्यीय टीम आज वाड्रफनगर पहुँची है..और भाजपा के जांच दल ने मृत महिला के परिजनों से बंद कमरे में एसडीएम व एसडीओपी की मौजूदगी में मुलाकात की..वही जांच दल का मृत महिला के गांव में न जाना इस जांच पर सवाल प्रश्न चिन्ह लगा देता है..
दरअसल 2 अगस्त को वाड्रफनगर ब्लाक के ग्राम गैना निवासी महिला बिहानी पति रामाधार पनिका को खून की कमी होने पर रघुनाथनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर रिफर किया था.. और सरकारी अस्पताल में एम्बुलेंस नही होने पर बिहानी के पति ने किराये के चार पहिया वाहन से अम्बिकापुर मेडिकल कालेज के लिए निकले थे..लेकिन धौन्धी मोड़ के पास सुरजपुर जिले की रेवटी चौकी की पुलिस ने उनकी गाड़ी को आवागमन के लिए पास नही होने की वजह से ..उन्हें वापस भेज दिया..
बिहानी के पति रामाधार पनिका के मुताबिक उसने 20 मिनट तक धौन्धी मोड़ में मौजूद पुलिसकर्मियों से कई बार मिन्नत भी की..और डॉक्टर की रिफर पर्ची भी पुलिस को दिखाई पर उनकी कोई सुनवाई नही हुई..और उन्हें बेरंग वापस लौटना पड़ा..तथा इस दौरान ग्राम केन्वारी के पास बिहानी ने दम तोड़ दिया..जिसके बाद चार पहिया वाहन के चालक ने अमानवीय तरीके से उन्हें रास्ते पर ही छोड़ दिया..तब रामाधार व उसके रोते बिलखते परिजनों ने ट्रैक्टर से बिहानी का शव लेकर ग्राम गैना पहुँचे थे..
बता दे कि इस घटनाक्रम के सामने आते ही ..सुरजपुर एसपी राजेश कुकरेजा ने मामले के जांच के आदेश दिए थे..और एसडीओपी प्रतापपुर को विस्तृत जानकारी जुटाने ग्राम गैना भेजा था..
वही छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र इस महीने के आखरी सप्ताह से शुरू होने जा रहा है..और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के निर्देश पर आज भाजपा विधायक दल की टीम वाड्रफनगर पहुँची है..और इस टीम में पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष नारायण चन्देल, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कृष्णमूर्ति बांधी, पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा तथा पूर्व सरगुजा सांसद कमलभान सिंह मरावी शामिल है..और भाजपा की जांच दल ने बिहानी के पति रामधार व उसके छोटे बेटे और उसकी छोटी बहू से मुलाकात की है..उनके बयान दर्ज किए गए है..
इसके अलावा जांच दल अब अपने जांच रिपोर्ट के साथ विधानसभा में राज्य सरकार का ध्यानाकर्षण करने की रणनीति में है..
बहरहाल विपक्ष को विधानसभा में सरकार को घेरने के लिए एक मुद्दा मिल गया है..और रामधार को न्याय की आस है..लेकिन विधायक दल का ग्राम गैना ना जाना और बिहानी का उपचार करने वाले डाक्टरो से ना मिलना इस जांच की खानापूर्ति को प्रदर्शित करता है..