आयोग अध्यक्ष डॉ नायक ने की 13 प्रकरणों की सुनवाई… झूठी शिकायत कर आयोग का समय बर्बाद ना करने की अपील…

रायपुर – छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने रायपुर जिले के पंजीकृत प्रकरणों की सुनवाई की । इस दौरान नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के आलोक में राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किये गए निर्देशों का पालन किया गया।

सुनवाई के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं फिजिकल डिस्टेंस और सेनेटाइजर की व्यवस्था एवं अन्य आवश्यक उपबंध का विशेष ध्यान दिया गया।
आज की सुनवाई में अध्यक्ष किरणमयी नायक के समक्ष एक उल्लेखनीय शिकायत प्रकरण प्रस्तुत हुआ जिसमें शिकायतकर्ता तिल्दा नेवरा की पार्षद ने जोन कमीशनर के विरूद्व शिकायत की थी, जिसमें उभयपक्षों को सुनने के बाद जोन कमीशनर के द्वारा अपनी गलती स्वीकार करने, क्षमा याचना करने तथा भविष्य में ऐसा नहीं करने की बात कही गई है।

महिला पार्षद अपने मोहल्लेंवासियों के शिकायत पर बताया गया कि बिल्डर के द्वारा अवैध निर्माण किये जाने पर वे धरने पर बैठ गई थी।उक्त प्रकरण में अधिकारी के द्वारा महिला पार्षद को धमकी देने एवं प्रताड़ित करने की मंशा से नोटिस जारी किया।

जिससें महिला पार्षद व्यथित होकर, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग में शिकायत की थी हालांकि इस प्रकरण का निराकरण आपसी बातचीत से किया गया।इसी तरह आयोग के समक्ष एक उल्लेखनीय प्रकरण में शिकायतकर्ता महिला की शिकायत झूठी पाई गयी, इस प्रकरण में महिला शिकायतकर्ता के द्वारा जल संसाधन विभाग के विरूद्ध भुगतान को लेकर शिकायत की गई थी।

महिला शिकायतकर्ता और अनावेदक पक्ष को सुनकर शिकायत में यह पाया गया की शिकायतकर्ता की शिकायत झूठी है इसलिए प्रकरण निराकृत किया गया।एक अन्य प्रकरण में शिकायतकर्ता महिला की शिकायत पर अनावेदकगण के विरूद्ध शिकायत की गई।

जिसमें उभयपक्षों को सुना गया,दोनों पक्षों ने सगाई में दिये गये सामानों को एक-दूसरे को वापस किया तथा उभयपक्षों ने नगद राशि वापस करने हेतु आयोग से समय की मांग की।

कल की सुनवाई हेतु रायपुर जिले से 15 प्रकरण एवं दुर्ग जिले से 07 प्रकरण अर्थात् कुल 22 प्रकरण रखे गये थे। जबकि 13 प्रकरणों में ही पक्षकार उपस्थित हुए, जिसमें 02 प्रकरणों की सुनवाई पश्चात् निराकरण किया गया।

अनेक प्रकरणों में पक्षकार के उपस्थिति नहीं होने पर अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है। आयोग द्वारा पति-पत्नी विवाद, दैहिक शोषण, मारपीट, प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना, घरेलू हिंसा से सम्बंधित प्रकरणों की सुनवाई की गई।