“इंसान का इंसान से हो भाईचारा”..इस मुहावरे को गांधीनगर पुलिस ने किया चरितार्थ..

गांधीनगर पुलिस ने दिखाई दरिया-दिली…

बेसहारा मजदूरों को दिया सहारा…

भोजन व इलाज के बाद सभी मजदूरों को भेजा उनके घर वापस..

अंबिकापुर “रोमी सिद्दीकी”

वर्दी ही नहीं हमदर्दी भी, इस स्लोगन को अम्बिकापुर के गांधीनगर थाना पुलिस ने आज उस समय चरितार्थ कर दिया जब तकरीबन 100 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर गांधी नगर थाना 21 मजदूर पहुचे तो पुलिस ने उनको ना सिर्फ भोजन कराया बल्कि मजदूरों को उनके गृह ग्राम तक भेजने की पूरी व्यवस्था भी कराई। मामला बलरामपुर जिले के कुसमी थाना क्षेत्र के मतगुरी ग्राम में रोड निर्माण में लगे मजदूरों का है जहा एक ठेकेदार द्वारा उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के थाना करना से लाये गए मजदूरों को एक सप्ताह काम कराने के बाद बेसहारा छोड़कर वह फरार हो गया, जिसके बाद भूख व रहने की व्यवस्था ना होने से परेसान होकर मजदूर जब कुसमी थाना पहुचे तो पुलिस कर्मियों ने उनकी कोई मदद नहीं की निराश व हतास मजदूर पैदल ही अम्बिकापुर का रुख किये।

इस सम्बन्ध में मजदूर संजय ने बताया की लगभग एक सप्ताह पूर्व एक ठेकेदार के द्वारा जिसका नाम वे नहीं जानते है, उसके द्वारा 5-5 सौ रुपये देकर सोनभद्र से कुसमी क्षेत्र के मतगुरी में सड़क निर्माण कार्य के लिए लाया गया था। लगभग एक सप्ताह काम कराने के बाद भी ठेकेदार के द्वारा ना तो उन्हें रहने की कोई व्यवस्था दी गई थी और ना पैसा दिए जाने के कारण वे भोजन की कोई व्यवस्था कर सके थे। सप्ताह भर भर बाद मजदूर रू-ब-रू हुए और पैसे की मांग की तो उल्टा ठेकेदार ने उनसे पहले दिए पांच सौ रुपये की मांग की। अंततः मजदूर भूखे प्यासे अपनी फ़रियाद लेकर कुसमी थाना पहुचे तो कुसमी पुलिस कर्मियों ने किसी भी प्रकार का सहयोग करने से अपने हाथ खीच लिए। पूरी तरह से टूट छुए बेहाल व भूखे मजदूर पैदल ही वहाँ से निकले और लगभग 100 किलोमीटर का रास्ता तय कर अम्बिकपुर मुख्यालय के गांधीनगर थाना शुक्रवार की रात पहुचे। मजदूरों ने ड्यूटी पर मौजूद सहायक उप निरीक्षक ब्रिज किशोर पाण्डेय से मुलाक़ात कर अपनी समस्या बताई। मजदूरों के बुझे हुए चेहरो को देख पुलिस ने मानवता का परिचय दिया। सारे मजदूरों के रहने का इन्तेजाम करते हुए गांधीनगर पुलिस ने सभी को भोजन कराया। 100 किलो मीटर पैदल चलने व भूख प्यास से कई मजदूर बीमार भी पड़ गए थे जिन्हें श्री पाण्डेय सहित गांधीनगर के अन्य पुलिस कर्मियों ने दवाईया भी उपलब्ध कराई। वही दूसरे दिन शनिवार की सुबह मजदूरो को पुनः भोजन कराकर उन्हें उनके गृह ग्राम जाने की पूरी व्यवस्था पुलिस ने की। एक ओर बलरामपुर जिले के कुसमी और शंकरगढ पुलिस का असहयोग व दूसरी ओर गांधीनगर पुलिस की इंसानियत ने पुलिस के अलग-अलग दो रूप को सामने लाकर खडा कर दिया है। बहरहाल गांधीनगर पुलिस कर्मियों की इस भलमनसाहत को देख वरिष्ट अधिकारियों ने भी इसकी सराहना की है।

रामकृष्ण साहू….अतिरक्त पुलिस अधीक्षक सरगुजा

इस सम्बन्ध में सरगुजा पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राम कृष्ण साहू ने बताया की यह बहुत ही सराहनीय कार्य है। ऐसे कार्यो से समाज में अच्छा सन्देश जाएगा और साथ ही आम लोगो और पुलिस के बीच आपसी सहयोगात्मक माहौल बनेगा।

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