चावल की गुणवत्ता से समझौता ना करें राईस मिलर्स: डॉ. रमन सिंह

मुख्यमंत्री की अपील पर राईस मिल मालिकों ने किया
गैस सब्सिडी छोड़ने का ऐलान

राईस मिलर्स एसोसिएशन के सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री

रायपुर

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य की  सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस)ने पूरे देश-दुनिया में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है।  देश की सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसे आदर्श मानते हुए अन्य राज्यों को इनका अनुकरण करने की सलाह दी है। डॉ. सिंह ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कामयाबी में यहां के राईस मिलर्स का भी महत्वपूर्ण योगदान है। राईस मिलर्स अपनी इस जिम्मेदारी को समझें और चावल की गुणवत्ता को हमेशा की तरह उच्च स्तर का बनाएं रखें। उन्होंने कहा कि चावल की गुणवत्ता में कमी स्वीकार नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह आज दोपहर राजधानी रायपुर में राईस मिलरों के राज्य स्तरीय वार्षिक सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री की अपील पर राज्य के लगभग एक हजार 600 राईस मिल मालिकों ने यहां सर्वसम्मति से गैस सब्सिडी छोड़ने का ऐलान किया। सम्मेलन की अध्यक्षता खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले ने की।
मुख्य अतिथि की आसंदी से मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि अन्य उद्योंगों की अपेक्षा रोजगार की दृष्टि से राईस मिल उद्योग ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। अपेक्षाकृत कम लागत में स्थापित होने वाले राईस मिलों में रोजगार प्रदान करने की ज्यादा संभावनाएं हैं। एक-एक राईस मिल से लगभग तीन-चार सौ लोगों को रोजगार मिलता है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के उपरांत राईस मिल उद्योग में काफी तरक्की हुई है। मिलिंग क्षमता में वृद्धि होने के साथ गुणवत्ता में भी सुधार आया है। राज्य निर्माण के समय जहां मात्र 700 राईस मिल थे, इनकी संख्या बढ़कर आज एक हजार 600 से ज्यादा हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में विकास की झलक राईस मिल में भी देखने को मिलती है। डॉ. सिंह ने कहा कि कृषि हमारी राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। किसान की संपन्नता में ही राज्य की संपन्नता निहित है। किसानों की मेहनत की बदौलत राज्य को तीन बार चावल उत्पादन के क्षेत्र में कृर्षि कर्मण पुरस्कार मिल चुका है। अब हम दाल उत्पादन के क्षेत्र में भी आगे निकल चुके हैं। इस साल हमें सर्वाधिक दाल उत्पादन केे लिए कृर्षि कर्मण का पुरस्कार मिला है।
मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में राईस मिलरों की समस्याओं पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि परिवहन दर को युक्तियुक्त करने के साथ बारदाना वापसी के संबंध में भी उचित निर्णय लिया जाएगा। खाद्य मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले ने चावल में टूटन की समस्या न आए, इसके लिए अच्छी तकनीकी वाला मिल स्थापित करने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष लगभग 59 लाख मीटरिक टन धान का उर्पाजन किया गया है। इसमें से केवल 32 लाख मीटरिक टन का उठाव हुआ है, शेष धान का उठाव भी राईस मिलर्स जल्दी करें। मंत्री ने धान परिवहन और चावल निर्माण में समय-सीमा का पालन करने का आग्रह राईस मिलरों से किया। खाद्य मंत्री ने कहा कि इस वर्ष अप्रैल तक कस्टम मिलिंग का कार्य समाप्त करने को लक्ष्य मानकर राईस मिलर्स तेजी से मिलिंग करे। छत्तीसगढ़ राईस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री योगेश अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष राईस मिलरों की प्रमुख समस्याएं रखते हुए निदान का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राईस मिलों को कृषि आधारित उद्योग मानकर उनके अनुरूप तमाम रियायतें प्रदान की जानी चाहिए। राज्य के सभी जिलों से आए राईस मिलर्स इस अवसर बड़ी संख्या में उपस्थित थे।