सूरजपुर. नगरीय निकाय चुनाव की सरगर्मी बढते ही सूरजपुर जिले के प्रेमनगर में नगर पंचायत को ग्राम पंचायत बनाने की मांग उठने लगी है. जबकी इसकी वकालत सत्तापक्ष के विधायक खेलसाय सिंह भी लम्बे समय से करते आ रहें है जिन्हें केबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल है. जबकी केन्द्रीय राज्य मंत्री और प्रेमनगर की पूर्व विधायक रेणूका सिंह ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने की भुमिका में हैं. हालाँकि क्षेत्रीय जनता भी चाहती है की प्रेमनगर को फिर से नगर पंचायत से ग्राम पंचायत बना दिया जाये. इस मामले को लेकर अब राजनिति भी शुरू हो गई है.
गौरतलब है कि प्रदेश में जब 2008 में भाजपा की सरकार थी और रेणूका सिंह को केबिनेट का दर्जा हासिल था तब उन्होंने सूरजपुर को नगर पंचायत से नगर पालिका और प्रेमनगर ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने अपनी सरकार में बात रखते आ रही थी. लिहाजा तात्कालिन मुख्यमंत्री ने 26 जनवरी 2009 में प्रेमनगर को नगर पंचायत और सूरजपुर को नगर पालिका बनाने की घोषणा की थी. लेकिन प्रेमनगर को नगर पंचायत बनाने की घोषणा होने के बाद से ही स्थानीय ग्रामिणों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था. इस विरोध में महिनों तक धरना प्रदर्शन और कई तरह के विरोध प्रदर्शन हुए. लेकिन सरकार ने इसे विकास का विरोध करार देते हूए विरोध पर ध्यान भी नहीं दिया. लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव में प्रेमनगर से कांग्रेस पार्टी के विधायक बनने के बाद से ही विधायक खेलसाय इस फैसले का विरोध करते हूए. वापस प्रेमनगर को नगर पंचायत से ग्राम पंचायत बनाने की मांग कर रहे हैं.
इस मामले के तब और अब के विधायक खेलसाय सिंह विधानसभा में भी इस मामले को उठा चूके हैं. सत्तापरिवर्तन होने के बाद विधायक खेलसाय जो की वर्तमान में प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं वे प्रदेश के नगरीय निकाय मंत्री के साथ-साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास भी अपनी मांग रख चूके हैं. दूसरी तरफ नगर पंचायत के वर्तमान में नगर पंचायत के उपाध्यक्ष भी नगर पंचायत को ग्राम पंचायत बनाने की दलील दे रहे हैं. दूसरी तरफ तब के किंग मेकर और अब मोदी सरकार में केन्द्रीय राज्य मंत्री रेणूका सिंह नगर पंचायत बनाने के तब के फैसले को सही बताते हूए अब क्या निर्णय लेना चाहते हैं इस बात का फैसला वर्तमान विधायक और उनकी सरकार के पाले में डालते हूए खुद को इससे अलग रखती दिखाई दे रही हैं.