आश्रय स्थल में 25 दिनों से रुके है झारखंड के दिहाड़ी मजदूर.. आखिर कब तक.? इनका धैर्य दे रहा जवाब

सूरजपुर..(आयुष जायसवाल)..कोरेना वायरस से पूरे विश्व मे भयंकर संकट आ चुका है. वही देश मे प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर दूसरा लॉक डाउन भी 19 दिन का लग गया है. इन सब के बीच सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. तो वे है दिहाड़ी व गरीब मजदूर. चुकी लॉक डाउन का एलान होते ही. पूरे देश भर में गरीब दिहाड़ी मजदूर जो दूसरे राज्यो में जाकर मजदूरी करते थे. वे भारत बंद के बाद पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े.

ऐसा ही मामला सूरजपुर जिले के करंजी चौकी अंतर्गत का है. जहा 28 मार्च को झारखंड के लातेहार जिले के 17 दिहाड़ी मजदूर जो मध्यप्रदेश के बौरीढांड रेलवे लाइन में काम करते थे. चुकी लॉकडाउन लगते ही ये मजदूर रेलवे पटरी में पैदल ही अपने घर जाने को निकल पड़े. इसी बीच लगभग 200 किलोमीटर चलने के बाद करंजी चौकी क्षेत्र के ग्राम खरसुरा ओभरब्रिज रेलवे के पास मिले जहा पर पुलिस, पत्रकार व क्षेत्रीय युवाओ द्वारा जिला प्रशासन को सूचना दिया गया.

सूचना पर तत्काल कलेक्टर दीपक सोनी ग्राम खरसुरा के प्राथमिक शाला को आश्रय स्थल बनाकर 17 मजदूरों के खाने पीने व रहने की बेहतर व्यवस्था किया गया है.

मजदूरों की समस्याए, पूछा साहब 25 दिन हो गया है घर भेज दीजिए

विदित है कि यह समस्या केवल इन 17 मजदूरों की ही नही. इन जैसे हजारो मजदूरों की है. चुकी ग्राम खरसुरा में रुके आज इन मजदूरों के पास जाकर चर्चा की गई. जिसमे उन्होंने अपनी समस्या बताई. किसी के घर पिता की तबियत खराब है. तो किसी के घर खाने की समस्या हो रही है. इन गरीब मजदूरों ने छत्तीसगढ़ व झारखंड की सरकार से मांग की है आज 25 दिन से ये लॉकडाउन में फंसे हुए है. इन्हें घर भजेने की सरकार मदद करे. मजदूरों को डर सता रहा है कि. 3 मई के बाद भी अगर लॉक डाउन बढ़ गया तो. वे फिर से फस जायँगे.

दोनों राज्यो के सरकारो को करनी होगी मदद

चुकी इन जैसे हजारो दिहाड़ी मजदूर 25 दिन या उससे ज्यादा दिनों से फसे हुए है. चुकी दोनों ओर की सरकारो को पहल कर इनके घर भेज देने की व्यवस्था कराई जानी चाहिए.

बहरहाल छतीसगढ़ सरकार के पहल पर सूरजपुर जिला प्रशासन द्वारा दूसरे राज्यो के सैकड़ो मजदूरों के लिए उचित व्यवस्था कराई गई है व प्रतिदिन पुलिस, स्वास्थ्य विभाग व आला अधिकारी प्रतिदिन आश्रय स्थलों का जायजा ले रहे है..व उचित प्रबंधन करा रहे है.