DAV स्कूल में 21 वर्ष से जमे हुए है एक ही प्राचार्य

DAV प्रिंसिपल पर आरोप लगाते हुए लोगो ने की हटाने की मांग 

छात्रो के भविष्य से खिलवाड़ का लगाया आरोप 

भटगांव (बिट्टू सिंह राजपूत) एस.ई.सी.एल. क्षेत्र भटगांव के जरही मे संचालित डीएव्ही पब्लिक स्कुल. यहाँ के प्रचार्य के स्थानतरण हेतु वर्षो से क्षेत्र के लोग मांग कर रहे है।  मगर डीएव्ही प्रचार्य एस के मिश्रा अपनी उच्च पहुच कि बदौलत करीब 21वर्ष से कुर्सी पर बिरजमान है। जिसका खामियाजा स्कुलो मे पढ रहे बच्चे भुगत रहे है। सैया भये कोतवाल अब डर काहे को की कहावत इस स्कूल मे साफ तौर पर देखने को मिल रही है।

एसईसीएल क्षेत्र मे श्रमिक संगठनों द्वारा भी कई बार यहा से हटाने कि मांग कि गई. मगर आज तक जस कि तस स्थिति बनी हुई है। बताया जा रहा है कि वर्ष 1996 से एक ही स्कुल मे पदस्थ इस प्रचार्य कि कार्यप्रणाली पर भी लोग कई तरह के सवाल खडा करते रहे. मगर प्रचार्य महोदय कि कान में तक जु तक भी नही रेंगती है.  क्षेत्र मे संगठित पाचो संगठन, बिलासपुर कंपनी संचालन समिती सदस्य को लिखित आवेदन दे कर प्रचार्य को हटाने कि मांग कि है.

श्रमिक संगठनो द्वारा आवेदन मे कहा गया प्रचार्य कि लचर और मनमाने रवैये से शिक्षा का स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है. जिससे श्रमिको के बच्चो का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है. आगे प्रचार्य पर आरोप यह भी लगा है कि प्रचार्य यहा स्कुल मे रहकर शिक्षा कि दुकान चला रहे है. जिससे शिक्षा का स्तर गिरता ही जा रहा है।

वही आगे बताया गया है कि कई वर्ष पुर्व तत्कालीन निदेशक कर्मीक एसईसीएल बिलासपुर द्वारा स्थानतरण करने का निर्देश भी किया गया था. मगर प्रचार्य एस के मिश्रा को भटगांव का मोह छोडने नही दे रहा. जिसके वजह से बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है ।

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[toggle title=”पत्नी सहीत कई करीबी रिस्तेदार है यहा पदस्थ ” state=”open”] जानकरो कि माने तो डिएव्ही प्रचार्य एस के मिश्रा के पत्नी सहीत कई करीबी रिस्तेदार यहा ज्यादातर पदस्त है. वही कई दुर के रिस्तेदार यहा पदस्थ स्कुल मे है. बताया जा रहा है कि प्रचार्य उडिसा के रहने वाले है. जिससे प्रचार्य को अन्य राज्यो के शिक्षक से ताल मेल नही बनने के कारण ज्यादातर उडिसा के शिक्षक अपने स्कुल मे रखना पंसद करते है.

जिससे अब अभिभावकों मे भी रोष देखने को मिल रहा है। कई ऐसे शिक्षक है जो वर्षो से बने हुऐ है. जिनका आज तक यहा आने के बाद से स्थानतरण ही नही हुआ. यह भी प्रचार्य के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान को जन्म  दे रहा है। [/toggle]

तेज तरार्र शिक्षको को हो जाता है यहा तबादला

कुछ अभिवावको ने बताया कि यहा जब कोई तेज तरार्र शिक्षक आते है तो प्रचार्य द्वारा किसी तरह उसका ताबदला करा दिया जाता है. जिससे इस स्कुल मे केवल प्रचार्य के घर परिवार व रिस्तेदारो कि जमवाडा लगा हुआ है।

यही कारण है कि शिक्षा कि स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है. क्यो कि वही कहावत साफ तौर पर चरीतार्थ होता दिख रहा है. सैया भये कोतवाल तो डर काहे को ऐसे मे अभिभावकों के सपने अपने बच्चों को लेकर कैसे सकार कर पायेगे यह सोचने वाली बात है।

[toggle title=”म्युजिक क्लास के नाम पर छात्रो व अभिभावकों से छलावा ” state=”open”] बताया जा रहा है कि बच्चों को यहा अलग से संगीत की भी क्लास होती है. मगर छात्रो से पुछे जाने पर बताया कि यहा केवल अपने चुनिंदे लोगो के बच्चो को ही संगीत शिक्षा दी जाती है. वजह यही है कि आज तक इस विधालय से एक बच्ची के बाद ऐसा कोई छात्र नही दिखा जिससे लगे कि यहा संगीत की भी कक्षा संचालित होती हो.

छात्रो ने बताया कि संगीत क्लास मे केवल उसके नाम पर खानापुर्ती कर अपना कर्तब्य निर्वाहन किया जाता है. बताया जाता है संगीत शिक्षक भी प्रचार्य के करीबी माने जाते है। [/toggle]

कई शिक्षक अभिभावकों को ब्लैकमेल कर करते है लाईफ इसयोरेंस का कार्य

जानकारी के मुताबिक डिएव्ही मे पदस्थ कई शिक्षक स्कुल मे बच्चो को पढाई पर ध्यान देने कि बजाये अपने बिजनेस पर ध्यान देते है यही कारण है कही न कही शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. बताया जा रहा है कि डिएव्ही के कई शिक्षक पत्नी नाम से लाईफ इसोरेंस के कार्य करते है.

टारगेट पुरा करने के लिए छात्रो के अभिभावकों को परेशान किया जाता है. मगर अभिभावकों कि मजबुरी यह है कि ये शिक्षक प्रचार्य के करीबी होतें है. जिससे इनका किसी प्रकार कि कोई सुनवाई भी नही होती. इसलिये चाह कर भी कुछ नही कर पाते है।