मुंबई। महाराष्ट्र सरकार कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर काफी दिनों से तैयारी कर रही है। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और उनके तमाम मंत्री महाराष्ट्र मेडिकल टास्क फोर्स की टीम के साथ लगातार यह तैयारी कर रहे हैं कि अगर महाराष्ट्र में तीसरी लहर आती है, तो उससे कैसे निपटा जाए। जानकारों का मानना है कि तीसरी लहर में सबसे ज्यादा कहर छोटे बच्चों पर ही होगा। इसी वजह से महाराष्ट्र सरकार ने अभी से छोटे बच्चों के लिए अलग वार्ड और अस्पताल बनाने शुरू कर दिए हैं।
लेकिन जो खबरें महाराष्ट्र के अहमदनगर से आ रही हैं वह काफी ज्यादा चौंकाने वाली हैं. अहमदनगर में पिछले महीने यानी मई में 8881 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सभी बच्चे 18 साल के कम उम्र के हैं। अहमदनगर के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर का कहना है कि मई महीने में पूरे अहमदनगर में 77 हजार से ज्यादा कोरोना वायरस के मामले सामने आए थे, जिनमें 8881 मामले छोटे बच्चों के हैं।
एक महीने में इतने ज्यादा छोटे बच्चों के कोरोना मामले आने के बाद अब अहमदनगर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर कह रहे हैं कि वो अहमदनगर में छोटे बच्चों के लिए अलग वार्ड और अस्पताल बनाने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि आने वाले दिनों में छोटे बच्चों का इलाज और भी अच्छे से हो सके।
तीसरी लहर को लेकर महाराष्ट्र सरकार शुरू से ही तैयारी कर रही है। महाराष्ट्र सरकार और उनकी एक्सपर्ट टीम यह कह रही है कि तीसरी लहर में सबसे ज्यादा छोटे बच्चे पीड़ित हो सकते हैं, लेकिन महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक महीने के अंदर 8000 से ज्यादा छोटे बच्चों का कोरोना पॉजिटिव होना काफी डरावना है।
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने पहले ही तीसरी लहर की तैयारी कर रखी है और सरकार कह रही है कि मुंबई समेत महाराष्ट्र के जितने भी बड़े शहर और जिले हैं वहां पर छोटे बच्चों के लिए अलग वार्ड बनाया जा रहा है, ताकि तीसरे लहर में छोटे बच्चों को अच्छे से अच्छा इलाज दिया जा सके। साथ ही महाराष्ट्र सरकार यह भी तैयारी कर रही है कि अगर छोटे बच्चों के लिए वार्ड बनाए जाए तो वहां पर उनके माता-पिता के रहने की भी सुविधा दी जाए ताकि छोटे बच्चों को अकेले वार्ड में छोड़ा नहीं जाए।