सीएम भूपेश ने केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री से की मुलाकात.. जैव एथेनाॅल उत्पादन के लिए 10 वर्ष की मांगी अनुमति..

रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नई दिल्ली में केन्द्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं स्टील मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से उनके निवास पर मुलाकात कर उनसे छत्तीसगढ़ शासन के बायोफ्यूल के क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन नीति को आगे बढ़ाने के लिये सहयोग का आग्रह किया है

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने केंद्रीय मंत्री से एनएमडीसी का क्षेत्रीय मुख्यालय बस्तर में स्थापित किये जाने पर विचार करने का आग्रह किया साथ ही गैर प्रबंधकीय पदों पर स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करते हुए बस्तर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा दिये जाने पर विचार करने की माँग भी की. उन्होंने कहा कि- मुझे उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ की जनता की भावनाओं का आदर करते हुए बस्तर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार इसकी तत्काल स्वीकृति हमें प्रदान करेगा.

श्री बघेल ने कहा कि अधिशेष खाद्यानों से जैव एथेनाॅल उत्पादन हेतु राज्य द्वारा प्रत्याशित धान की अधिक आपूर्ति के अनुमान के आधार पर जैव एथेनाॅल उत्पादन की अनुमति लंबे समय तक जैसे कि न्यूनतम 10 वर्ष के लिये दिया जावे ताकि राज्य में बायो-एथेनाॅल के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिल सके. उन्होंने कहा कि आपकी इस पहल से जैव एथेनाॅल के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा.

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है. यहां की 43% कृषि योग्य भूमि में मुख्य फसल धान की होती है. कृषि और उससे सम्बंधित क्षेत्रों का राज्य की जी.एस.डी.पी. में योगदान 20% से अधिक है। उन्होने कहा कि वर्ष 2018-19 में हमारे यहां धान का उत्पादन 80.40 लाख टन था. इसमें राज्य की आवश्यकता 42.40 लाख टन की थी. उसके बाद हमारे पास 38 लाख टन सरप्लस धान बायोफ्यूल के लिये बचता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे आपको यह बताते हुये खुशी हो रही है कि केन्द्र की जैव ईंधन नीति 2018 के प्रावधानों के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य मेें जो अतिरिक्त धान का उत्पादन हो रहा है उसमें बायो एथेनाॅल संयत्रो की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए निजी निवेश को आमंत्रित किया है. इस दिशा में हमारा केन्द्र से आग्रह है कि राष्ट्रीय जैव इंधन समन्वय समिति से धान आधारित बायो एथेनाॅल के विक्रय मूल्य को शीरा, शक्कर व शुगर सिरप से बने एथेनाॅल के विक्रय दर के बराबर रखे तो पर्यावरण आधारित बायो एथेनाॅल के उत्पादन में हमें काफी मदद मिलेगी. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हम जल्द ही इस पर विशेष बैठक लेकर, उचित कार्यवाही करेगें.

उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष 6.5% की दर से देश में उर्जा की खपत बढ़ रही है. वहीं पेट्रोलियम दिन-प्रतिदिन घट रहा है. इस दिशा में सरप्लस क्राॅप, बायोफ्यूल उत्पादन का अच्छा विकल्प है। यह हमारी बढ़ती उर्जा खपत को भी पूरा करेगा.

बायो एथेनाॅल, उच्च गुणवत्ता का होता है. जो कि इंजन को और अधिक शक्तिशाली बनाता है. यह वायु प्रदूषण को भी कम करने में काफी कारगार है. मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से कहा कि यह इंधन का सस्ता विकल्प है. जो कि किसानों को भी और अधिक फसल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करेगा. केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री की मांगों पर हर संम्भव मदद का भरोसा दिया है.