बृजमोहन और भूपेश भू-कासुर दानव और मुख्यमंत्री कुम्भकरण : जकांछ

राज्यपाल से मांग, आपके पास संवैधानिक शक्तियां, इस्तेमाल कर भूमाफियों को रोकने प्रदर्शन। 

कफ़न ओढ़कर सड़क पर लेटे प्रदर्शनकारी।

“रमन सरकार” को मुर्दे के रूप में दिखाकर ब्लॉक और जिला स्तर पर हुआ अनोखा प्रदर्शन।

अम्बिकापुर छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल द्वारा सरकारी संरक्षण में गैर कानूनी रूप से हड़पी जमीनों के गंभीर मामलों को लेकर आज जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने प्रदेशव्यापी आंदोलन शहर ज़िला अध्यक्ष दानिश रफ़ीक़ व ग्रामीण ज़िला अध्यक्ष गोपाल केशरवानी के संयुक्त किया और महामहिम राज्यपाल से दोनों नेताओं पर कठोर कार्यवाही करने तथा हड़पी जमीनों को किसानों और आदिवासियों को लौटाने की मांग की।

इस संबंध में प्रेस रिलीज जारी करते हुये प्रवक्ता रोमी सिद्दीकी ने बताया की जिला एवं ब्लॉक स्तर पर हुए प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन में पार्टी के कार्यकर्ताओं सहित आम लोगों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। ये दर्शाते हुए कि आम जनता के लिए रमन सरकार मर चुकी है तभी भूपेश और बृजमोहन जैसे भूमाफियाओं पर कार्यवाही नहीं कर रही है। रमन सरकार मर चुकी है तभी उसे गरीब आदिवासियों और किसानों का दर्द दिखाई नहीं दे रहा है। रमन सरकार मर चुकी है तभी तो वन भूमि, रिसोर्ट बन जाती है और स्कूल की भूमि फार्म हाउस बन जाती है।

बृजमोहन और भूपेश दोनों भूमाफियों की तुलना महाभारत के पात्र बकासुर दानव से करते हुए जकांछ ने दोनों को भू-कासुर दानव बताया, ऐसे दानव जो जनता की भूमि हड़पते हैं। वहीँ दोनों पर कार्यवाही न करने वाले मुख्यमंत्री को कुम्भकरण बताया। जकांछ के दानिश रफ़ीक़ व गोपाल केशरवानी ने कहा कि परिवार के सदस्यों के नाम पर वन भूमि और गरीब आदिवासी किसानों की जमीन दबाने का खेल चलता रहा और मुख्यमंत्री कुम्भकर्णीय नींद सोते रहे।ये सरकारी संरक्षण का ही परिणाम है कि सत्ता और विपक्ष के ये दोनों नेता जमीन हड़पने और उस पर बेजा कब्ज़ा कायम करने में सफल हो पाए। जहाँ बृजमोहन ने सिरपुर के निकट वन भूमि पर भव्य रिसोर्ट बनाया वहीँ भूपेश ने न सिर्फ कुरूदडीह के आदिवासियों की जमीन सरकार से सांठ-गाँठ कर अपने नाम की बल्कि सरकारी स्कूल के लिए आबंटित जमीन को भी धोखाधड़ी कर अपने परिवार के नाम कर लिया। एक ओर प्रदेश के किसान मर रहे हैं और दूसरी ओर सत्ता और विपक्ष के नेता किसानों और गरीबों की जमीन लूटने में लगे हैं। स्वाभाविक है कि इन दोनों द्वारा किया गया बेजा कब्ज़ा बिना शासन-प्रशासन के संरक्षण के संभव नहीं है। छत्तीसगढ़ में रसूखदार लोग अपने राजनितिक पद का धौंस दिखाकर गरीब किसानों की जमीनों और गरीबों के हितों के लिए आबंटित सरकारी भूमि पर कब्ज़ा कर रहे हैं जिससे आम आदमी भय और दबाव में जीने विवश है ।

आंदोलन के दौरान, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने महामहिम राज्यपाल के नाम अपने ज्ञापन में कहा कि संविधान के रक्षक और एक जनसेवक होने के नाते आपका यह दायित्व बनता है कि आप बिना किसी राजनितिक दबाव के, संविधान में प्रदत्त अपनी शक्तियों का प्रयोग जनहित में करें और इन दोनों भूमाफियों के विरुद्ध चारसौबीसी, धोखाधड़ी तथा सरकारी संपत्ति हड़पने के जुर्म के तहत कठोर व् तत्काल कार्यवाही करने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देशित करें।

जकांछ ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार को चैन से बैठने नहीं दिया जाएगा। केंद्रीय जांच एजेंसियों से जांच की मांग के साथ साथ इस गंभीर मामले को विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में भी जोरशोर से उठाया जाएगा।  उक्त कार्यक्रम में दानिश रफ़ीक़, गोपाल केशरवानी, पी.एस. कुमार, इरफान सिद्धिकी, बलविंदर सिंह छाबड़ा, रोमी सिद्धिकी, शिवमंगल सिंह, उपेंद्र पांडेय, मो सलीम हिप्पी, रिज़वान, मो जावेद पिक्कू, मो कलीम, गीता सिंह, कमला टोप्पो, सुमित्रा पैकरा, कमल सिंह, नितिन गुप्ता, धनंजय मिश्रा,स्वर्णिम शुक्ला,जसविंदर सिंह छाबड़ा लक्की,अंकित कश्यप,सुभाष चंद्र साहू,रमीज़ सिद्दिकी, कुंज बिहारी सिंह,प्रभाष जैसवाल,प्रशांत श्रीवास्तव,विकास कुमार,विजय उपाध्याय व अन्य उपस्थित थे।