जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई सम्पन्न छत्तीसगढ़ मंत्री टी एस सिंहदेव ने दिए सुझाव…

रायपुर : आज केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित जीएसटी कॉउन्सिल की बैठक का पहला चरण संपन्न हुआ, इस बैठक में राज्यों के वित्तमंत्रियों ने जीएसटी क्षतिपूर्ति एवं रिकवरी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने पक्ष रखे। छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए जीएसटी मंत्री टी.एस. सिंह देव ने जीएसटी परिषद की बैठक में क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर अपने सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने राज्यों को चुनने के लिए केवल दो विकल्प दिए हैं, वर्तमान परिस्थिति में छत्तीसगढ़ दोनों ही विकल्पों को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने रिजर्व बैंक से ऋण लेने के दोनों विकल्पों को अस्वीकार कर दिया और वित्तमंत्री से अधिक विकल्प की मांग की

इसके आगे जीएसटी मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि केंद्र की कार्रवाई परिषद की एकजुटता को संतुष्ट नहीं करती है क्योंकि वे राज्यों की सहमति और 101 वें संविधान संशोधन के सिद्धांत का पालन नहीं कर रहे हैं। यह संविधान की भावना का उल्लंघन करता है, जिसमें साफ तौर पर उल्लेखित है कि 5 वर्षों तक केंद्र द्वारा राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति प्रदान की जाएगी। इसके उपरांत उन्होंने कहा कि केंद्र को राज्यों से उधार लेने के बजाय राज्यों के लिए आरबीआई से धन उधार लेना चाहिए, क्योंकि यह प्रक्रिया को जटिल बनाता है और पहले से बोझिल राज्यों पर बोझ डालता है।

बैठक के दूसरे चरण में राज्यों के मंत्रियों ने अपने मत स्पष्ट किये एवं केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष जीएसटी के विषय पर सुझाव रखे। इसी चर्चा में आगे बढ़ते हुए प्रदेश के जीएसटी मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि भारत एक संघीय ढांचा है जो किसी भी राजनीतिक दल से परे काम करता है। जीएसटी जैसे गंभीर विषयों पर नेतृत्व में अहँकार नहीं होना चाहिए, बल्कि यह विषय संविधान, संघीय राजनीति और जीएसटी अधिनियम के मूल सिद्धांतों पर केंद्रित होना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि हम अपने साथ सुझाव और विचार लेकर चलने में विश्वास रखते हैं ना कि अहँकार लेकर । जीएसटी मंत्री टी एस सिंहदेव में स्पष्ट किया कि वर्तमान समय में भारत कोविड-19, लद्दाख जैसे कई अन्य संकटों का सामना कर रहा है लेकिन क्षतिपूर्ति का इन विषयों से कोई लेना-देना नहीं है। केंद्र को केवल सम्मानित राज्यों को धन उधार लेना और प्रसारित करना चाहिए। अंत में उन्होंने कहा कि यह केंद्रीय वित्त मंत्री और जीएसटी अध्यक्षा द्वारा सूचित किया जाना चाहिए कि क्या राज्य के प्रतिनिधियों एवं जीएसटी कॉउन्सिल के सदस्यों को मीडिया के साथ बैठक करने की अनुमति है, क्या सदस्य बैठक में हुई चर्चा को बाहर लेकर जा सकते हैं या फिर इस चर्चा को किसी अन्य फोरम पर ले जाने की अनुमति नहीं है।