CG – खतरे में नहर का अस्तित्व: अतिक्रमण का हो रहा शिकार… उदासीन बना विभाग..



अम्बिकापुर/सीतापुर/अनिल उपाध्याय: खेतो में सिंचाई सुविधा बहाल करने सिंचाई विभाग द्वारा बनाया गया नहर विभागीय उदासीनता के कारण अतिक्रमण का शिकार होने लगा है। इससे पूर्व भी नहर पर अवैध कब्जे हुए किंतु अधिकारीयो ने कार्रवाई के बजाए चुप्पी साध ली। जिससे लोगो का हौसला बढ़ा और अब वो नहर में नए सिरे से कब्जा कर दुकान का निर्माण करा रहे है। विभागीय अधिकारियों का उदासीन रवैया इसी तरह बना रहा तो वो दिन दूर नही जब नहर में अवैध कब्जे की बाढ़ आ जायेगी और क्षेत्र के नक्शे से नहर का नामोनिशान मिट जायेगा।

गौरतलब है कि सिंचाई विभाग की लापरवाही से क्षेत्र में सिंचाई सुविधा हेतु बनाया गया नहर अवैध कब्जे का शिकार होने लगा है। लोग धड़ल्ले से अवैध अतिक्रमण करते हुए नहर के अंदर निर्माण कार्य करा रहे है। विभागीय निगरानी एवं उचित कार्रवाई के अभाव में नहर पर होने वाले अवैध कब्जे की वजह से दिनोदिन नहर के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे है। उसके अस्तित्व पर भी सवाल उठने लगे है। नहर में अवैध अतिक्रमण का ताजा मामला नगर के आदर्शनगर और सुंदरनगर में देखा जा सकता है। जहाँ पहले से कब्जा जमाए लोग नहर के अन्य हिस्सों पर भी अवैध कब्जा जमाने की कोशिश में लगे हुए हैं। अब तो ये आलम है कि अवैध कब्जाधारी नहर के अंदर पक्का निर्माण कराने से भी नही हिचक रहे है। कार्रवाई के अभाव में नहर के ऊपर अवैध निर्माण की होड़ सी मच गई है। समय रहते विभाग अवैध कब्जे पर लगाम नही लगाता है तो भविष्य में क्षेत्र के नक्शे से नहर का नामोनिशान मिट जाएगा।

पूर्व में हुए अवैध कब्जे पर अधिकारियों ने साध ली थी चुप्पी

सिंचाई विभाग द्वारा महादेव मुड़ा से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने नहर का निर्माण कराया गया है। जो सीतापुर के आदर्शनगर एवं सुंदरनगर से होकर गुजरती है। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से फिलहाल वो नहर बदहाली के कगार पर है। जिसका लाभ उठा आदर्शनगर एवं सुंदरनगर से होकर गुजरने वाली नहर के ऊपर सालो से अवैध रूप से कब्जा किये जा रहा है। ये सब जानते हुए भी विभागीय अधिकारियों ने चुप्पी साधे रखी। जिससे लोगो का हौसला बढ़ा और नहर के ऊपर कब्जे की बाढ़ आ गई। लोगो ने नहर पर कब्जा करते हुए मकान तक बना डाला और अब दुकान बना रहे है। यह सब देखकर भी अधिकारी चुप्पी साधे हुए है। जो नहर के अस्तित्व के लिए काफी नुकसानदायक होगा।