प्रशासन ने नहीं सुनी फ़रियाद तो ग्रामीण खुद ही बनाने लगे पुल… अब नहीं करेंगे मतदान

जशपुर (नवीन शर्मा) बरसात में अपने गाँव को टापू बनने से बचाने के लिए दो गाँव के सैकड़ों ग्रामीणों ने बरसाती नाले पर एक ही दिन में रपटा पुल बना दिया। सरकारी उपेक्षा से नाराज ग्रामीणों ने चंदे और श्रमदान से रपटा पुल बनाकर मंत्री, विधायक,कलेक्टर के प्रति नाराजगी भी जताई है। ग्रामीणों की नाराजगी का आलम यह है कि उन्होंने आगामी चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला भी कर लिया है।

इतनी बड़ी संख्या में ये ग्रामीण एकत्र होकर अपने गाँवों को बरसात में होने वाली परेशानी से बचाने के लिए नाले पर रपटा पुल बना रहे हैं। इस पुल को बनाने के लिए बगीचा ब्लॉक के कलिया,और बुटूंगा गाँव के लोग कई सालों से सरकार के लोगों को आवेदन देते रहे. लेकिन कुछ नहीं हुआ. कलेक्टर ने तीन माह में पुल बनाने का भरोसा दिया था वो भरोसा अब 6 माह बीतने के बाद टूट गया। इसके बाद बरसात शुरू होने से पहले इन ग्रामीणों ने सीमेंट,बालू,पत्थर इकट्ठा किया और जनपहल से एक ही दिन में रपटा पुल बनाने में जुट गए।

इस कुटमा नाले पर बारिश के समय दो गाँव के लोगों को घर का राशन लाने से लेकर बच्चों की पढ़ाई, मरीजों का इलाज कराने के लिए कई बार जिंदगी दांव पर लगानी पड़ती थी। दूसरा रास्ता 25 किलोमीटर की जगह 90 किलोमीटर का है वह भी बेहद खराब।

बादलखोल अभ्यारण्य से लगे गाँव के लोग अपने मंत्री,विधायक से काफी नाराज हो गए हैं। अब आने वाले चुनावों में इन ग्रामीणों ने मतदान नहीं करने का फैसला ले लिया है।

बहरहाल इससे यह तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि जशपुर जिले में जहाँ जरूरत है वहां विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। जिससे सरकार के खिलाफ इस तरह के विरोध देखने को मिल रहे हैं।