बिलासपुर. जिले के तखतपुर रेंज के पोढ़ी गांव में दो से ढाई साल का एक सियार कुए में गिर गया. सूचना मिलने के बाद बुधवार की देर रात कानन पेंडारी रेस्क्यू, तखतपुर वन परिक्षेत्र और वनमंडल उड़नदस्ता दल मौके पर पहुंचा. करीब एक घंटे की जद्दोजहद के बाद सियार को बोरी व रस्सी के सहारे सुरक्षित बाहर निकाला गया. इसके बाद जंगल में छोड़ दिया गया. कुआ सूखा था, इसलिए सियार की जान बच गई.
घटना एक दिन पहले मंगलवार की थी. पर किसी को इसकी जानकारी नहीं थी. दूसरे दिन एक ग्रामीण की नजर कुएं पर गई. तो देखा गया सियार दुबक के एक किनारे में बैठा हुआ था. उसकी स्थिति देखकर ग्रामीण तत्काल गांव के प्रमुख लोगों को जानकारी दी. इसके बाद कुएं के आसपास ग्रामीणों की भीड़ जुट गई. बाद में वन विभाग को सूचना दी गई. डीएफओ कुमार निशांत व एसडीओ सुनील कुमार बच्चन के निर्देश पर दो टीम बनाइ गई.
इसमें एक तखतपुर वन परिक्षेत्र की थी और उड़नदस्ता की. इसके लिए कानन पेंडारी की रेस्क्यू टीम की मदद भी ली गई. वन अमला रात 11 बजे के करीब मौके पर पहुंचा. इस बीच सबसे पहले ग्रामीणों की भीड़ को हटाया गया. इसके बाद अलग-अलग तरह से सियार को निकालने का प्रयास किया गया. लेकिन उनकी सारी कोशिशें नाकाम रही. आखिर में दो कर्मचारियों को कुएं के नीचे उतारा गया. एक के हाथ में बोरी थी और हाथ में रखी बोरी रस्सी से ऊपरी की ओर बंधी हुई थी. वनकर्मी पूरी सावधानी से बोरी के सहारे सियार को उठाया और रस्सी बंधी बोरी में डाल दिया।
इसके बाद ऊपर मौजूद वनकर्मियों ने धीरे-धीरे ऊपर खींचा. चूंकि वह सुरक्षित था. इसलिए उसे जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया गया. घायल या बीमार होने पर वन्य प्राणियों का कानन पेंडारी जू लाया जाता है. मालूम हो कि कानन पेंडारी जू के साथ-साथ रेस्क्यू सेंटर भी है. जहां संभागभर के घायल, बीमार या आतंक मचाने वाले वन्य प्राणियों को रेस्क्यू कर लाया जाता है.