विकास की ऊंचाई छू रहा शहर… कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के आने के बाद धीमी हुई रफ्तार…जिले में दर्जनों निर्माण कार्य अधूरे…

जांजगीर चांपा ।  जिस रफ्तार से शहर का विकास ऊंचाई छू रहा था ठीक उसी रफ्तार से अब विकास थम गया है. तत्कालीन कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला एवं तारण प्रकाश सिन्हा के कार्यकाल में जांजगीर शहर का विकास कुछ नई इबादत लिखने ही वाला था वैसे ही अचानक कम समय में दोनों तत्कालीन कलेक्टर का पदस्थापना अन्य जिला हो गया. बाद में उनके जगह नए कलेक्टर के रूप में जिले में ऋचा प्रकाश चौधरी का पदस्थापना हुआ. जिसके बाद शहर का विकास थम सा गया है.नए कलेक्टर के आने के बाद शहर में किसी तरह का नया काम दिखाई नहीं दे रहा है. पूर्व में तत्कालीन कलेक्टर द्वारा जिस निर्माण कार्य की स्वीकृति हुई थी वह भी अब धीमे पड़े हुए हैं.  ना तो उन पर किसी प्रकार का ध्यान दिया जा रहा है न हीं निर्माण आगे बढ़ पा रहा है . आपको बता दें कि जब नए कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी का पदस्थापना जांजगीर-चांपा जिला हुआ था तब सबसे पहले कलेक्टर ने मीडिया को आश्वासन दिया था कि जो पुराने पेंडिंग काम स्वीकृत हुए हैं उसको तत्काल कराया जाएगा. लेकिन ऐसा करते कलेक्टर नहीं दिख रही हैं . पुराने काम बंद पड़े हैं. जिले में दर्जनों निर्माण कार्य पेंडिंग पड़े हुए हैं. वर्तमान में इनकी गतिविधियां शून्य दिख रही है. शहर में दर्जनों ऐसे निर्माण कार्य है जैसे जिला हॉस्पिटल के ऑक्सीजन प्लांट,RTPCR  लैब, एवं शहर में बन रहे वर्षों से स्विमिंग पूल, खोखसा आरओबी, कचहरी चौक में कमर्शियल कंपलेक्स,एवं न्यू तहसील कार्यालय का निर्माण,, सहित नया आरटीओ ऑफिस, दैनिक सब्जी मार्केट, मटन मछली मार्केट सहित चौपाटी एवं स्पोर्ट्स क्लब का निर्माण होना था। वही शहर में जल आवर्धन योजना एवं जल जीवन मिशन का क्या हाल है यह किसी से छिपा नहीं है. गर्मी के दिनों में शहर में पानी की भारी किल्लत के बाजू दोनों योजनाए वर्षो से अपनी अंतिम सांस ले रहा है. कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के आने के बाद सारे निर्माण कार्य के फाइल में धूल जम गया है. जिसकी सफाई एवं उसको देखने की फुर्सत  कलेक्टर को नहीं है. शहर की जनता जिला प्रशासन की ओर टकटकी लगाए देख रही है कि जिस रफ्तार से शहर का विकास ऊंचाई छू रहा था वह अचानक रुक गया है. वह आगे कैसे बढेगा. आने वाले समय में अधिकारियों द्वारा बताया जा रहा है कि जून माह में मुख्यमंत्री का भी दौरा शहर में होने वाला है बावजूद अभी तक कोई खास नया काम शहर में दिखाई नहीं पड़ रहा है. अगर यही हाल कुछ दिन और रहा तो विकास रुकने से शहर की व्यवस्था बिगड़ जाएगा. वही कई वर्षों पीछे रह जाएगा. इसलिए जिला प्रशासन  को तत्काल इन रुके कार्य को प्राथमिकता में रखकर कराने की जरूरत है.  आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने हैं उसके पहले आचार संहिता लग जाने के बाद ऐसे भी कोई नए काम जिला प्रशासन एवं सरकार द्वारा नहीं कराये जा सकते है. अब जिला प्रशासन को जरूरत है इन निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरी कराएं।

बेजा कब्जा हटने के बाद ..
जिला प्रशासन ने जिस रफ्तार के साथ बेजा कब्जा हटाकर लोगों का नुकसान किया है उसकी भरपाई तो नहीं कर रही है.  ऊपर से व्यापारियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. मेन रोड के आजु- बाजू कब्जे में बने मकान को तोड़कर रोड को चौड़ीकरण तो कर लिया गया है लेकिन महीनों गुजर जाने के बाद रोड का निर्माण नहीं हो पाया है.  जिसके चलते व्यापारियों में रोष है साथ ही आम जनता को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.वही बीच रोड में पड़े गिट्टी, रेती से आवागमन में बाधा उत्पन्न तो हो रहा है. वही गड्ढे में गिर के लोग घायल भी हो रहे हैं. लेकिन इससे न तो नगरपालिका को सरोकार है, न ही जिला प्रशासन का ध्यान है।