Bilaspur: शहर समेत आसपास के गार्डन और टूरिस्ट प्लेस में वैलेंटाइन डे पर जहां प्रेमी-प्रेमिका एक दूसरे के साथ समय बिताते रहे, तो वहीं इसका विरोध भी हुआ. शिव सैनिकों ने कामगार सेना के साथ वैलेंटाइन डे का विरोध करते हुए पाश्चात्य संस्कृति का पुतला दहन किया.
दरअसल, हर साल 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है, इस दिन प्रेमी-प्रेमिका अपने प्यार का इजहार करते हैं, और एक-दूसरे को गिफ्ट देते हैं. लेकिन इस दिन का खिलाफत भी की जाती हैं. विरोध कर रहे लोगों ने वैलेंटाइन डे को पाश्चात्य सभ्यता बताते हुए 14 फरवरी को मातृ पितृ दिवस मनाए जाने का आह्वान किया, और नेहरू चौक में नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया.
कामगार सेना के अध्यक्ष दशरथ साहू ने कहा हम प्रेमी जोड़ो के विरोधी नही हैं लेकिन जो पश्चिमी सभ्यता हैं उसे बंद किया जाए. भारतीय सभ्यता को अपनाते हुए मातृ पितृ दिवस मनाया जाए. आज के बच्चों को अच्छा मैसेज जाए इसलिए विरोध कर रहे.
वही कांकेर में भी वेलेंटाइन का विरोध देखने को मिला. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया. और शहर के गार्डन ऑक्सीवन व गढ़िया पहाड़ के साथ अन्य जगहों में जाकर विरोध करते बजरंग दल के लोगों ने कहा कि वेलेंटाइन डे भारतीय संस्कृति के खिलाफ है. बजरंग दल के लोगों के विरोध को देखते हुए पर्यटन स्थलों गार्डनों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया है.