बिलासपुर नान-एसी कोच में डस्टबीन लगाने वाला देश का पहला रेल मंडल

बिलासपुर

स्वच्छ भारत- स्वच्छ रेलवे अभियान के तहत बिलासपुर रेल मंडल भारतीय रेलवे का पहला मंडल बन गया है जहां नॉन एसी कोच में डस्टबीन लगाने की योजना बनाई गई है। अब तक 117 कोचों में डस्टबीन लगाने के बाद 427 और कोच में लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

स्वच्छ भारत अभियान को ध्यान में रखते हुए रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को निर्देश जारी किया है। इसके तहत रेलवे में सफाई पर जोर दिया जा रहा है। इसके तहत 11 से 31 अक्टूबर तक सरदाल पटेल यूनाइटेड क्लीन इंडिया ड्राइव के तहत रेल यात्रियों में सफाई के प्रति जागरूकता लाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। यात्रियों को गार्बेज बैग भी वितरित किए गए।

ताकि यात्री कचरा कोच या ट्रैक की बजाय बैग में डाले। अब इस अस्थाई व्यवस्था को स्थाई करने के लिए बिलासपुर रेल मंडल ने नॉन-एसी कोच में सीधे डस्टबीन लगाने की योजना बनाई गई। इस पर अमल करते हुए कोचिंग डिपो में एक के बाद एक 117 कोचों में डस्टबीन लगाए गए हैं।

मंडल की ओर से तय योजना के तहत अभी 427 और कोचों में भी डस्टबीन लगाए जाएंगे। इसके लिए रेल प्रशासन जुटा हुआ है। भारतीय रेलवे में पहली बार नॉन-एसी कोचों में डस्टबीन लगाए जा रहे हैं। अन्य मंडलों व जोन में भी इस तरह की पहल की गई तो प्रत्येक ट्रेन के प्रत्येक कोचों में डस्टबीन की सुविधा रहेगी।

यह होगा फायदा

इस व्यवस्था के तहत कोच व पटरियों पर गंदगी नजर नहीं आएगी। वर्तमान में डस्टबीन की सुविधा केवल एसी कोचों में ही मिलती है। नॉन- एसी कोच में इस सुविधा के अभाव के कारण यात्री पॉलीथिन, पानी के बोतल, कागज, जूठन आदि बर्थ के नीचे ही फेंककर ट्रेन से उतर जाते हैं। वहीं पटरियों पर कचरे फेंके जाते हैं। इसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ता है। अब इस सुविधा से इस समस्या से निजात मिलेगी।

जागरूकता जरूरी

रेल प्रशासन की इस पहल पर यात्रियों के सहयोग की जरूरत होगी। प्लेटफार्म हो या ट्रेन डस्टबीन की सुविधा होने के बाद भी यात्री कचरे को बाहर फेंकते हैं। इस स्थिति में रेलवे के सारे उपाय बेकार साबित होंगे। हालांकि यात्रियों को जागरूक करने के लिए रेलवे की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। इसके अलावा गंदगी फैलाते पकड़े जाने पर जुर्माना भी किया जाता है।