रेत परिवहन पर रोक: संसदीय सचिव और कांग्रेस जिलाध्यक्ष आमने -सामने..कहा दबंगई कर रहे संसदीय सचिव महाराज..जहाँ हो रहा वहाँ क्यो नही गए?..

बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)…प्रदेश कांग्रेस सरकार के नये खनिज नीति के तहत स्वीकृत की गई ..रेत के खदानों और वैध रेत भंडारण को लेकर जिले में सियासी घमासान मचा हुआ है..और यह घमासान विपक्ष और सत्ता पक्ष में नही बल्कि सत्ता पक्ष के बीच ही है.. जिसके चलते राजस्व और खनिज अमला सकते में है..

बता दे कि इस वर्ष जिले के राजपुर ब्लाक के ग्राम धन्धापुर, नरसिंहपुर, परसवार कला,व शंकरगढ़ ब्लाक के ग्राम करासी में रेत खदान टेंडर निविदा प्रक्रिया से स्वीकृत किये गए थे..और ग्राम परसवार कला से सूरजपुर जिले का ग्राम पम्पापुर लगा हुआ है..जहाँ पहले से ही रेत खदान स्वीकृत है..और ग्राम परसवार कला में रेत का भंडारण किया गया था..तथा परसवार कला से रेत का परिवहन किया जा रहा था..जिसे सामरी विधायक व संसदीय सचिव चिन्तामणी महाराज के दबाव रोक दिया गया है..

जानकारी के मुताबिक परसवार कला में रेत भंडारण की लीज खनिज विभाग से 10वर्षो के लिए प्राप्त है..बावजूद इसके भंडारण किये गए रेत के परिवहन पर संसदीय सचिव चिन्तामणी महाराज ने खुद परसवार कला पहुँच बंद करा दिया है..और राजस्व तथा खनिज विभाग के अधिकारियों ने दबाव में आकर वैध रेत भंडारण के परिवहन में लगे वाहनों में कार्यवाही कर दी है..जिसको लेकर अब संसदीय सचिव चिन्तामणी महाराज की जमकर किरकिरी हो रही है..

दरअसल संसदीय सचिव चिन्तामणी महाराज पर खुद उनके पार्टी के नेताओ ने यह आरोप लगाकर चौका दिया है..की वे भाजपा नेताओं के इशारे पर परसवार कला गए थे..और एसडीएम राजपुर व खनिज अधिकारियों की उपस्थिति में गांव में दो गुटों में मारपीट भी हुई थी..जिसे लेकर अब जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने बयान जारी किया है..की संसदीय सचिव द्वारा किया गया यह कृत्य हास्यास्पद है..उन्हें वैध भंडारण और वैध रेत खदानें ही नजर आ रही है..जबकि यह सब प्रदेश सरकार व्यवस्था के तहत संचालित हो रहे है..

कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी ने फ़टाफ़ट न्यूज डॉट कॉम से चर्चा करते हुए कहा..की जिले के रामचन्द्रपुर ,वाड्रफनगर ब्लाक में रेत के अवैध उत्खनन की खबरे मीडिया में आती रही है..लेकिन संसदीय सचिव चिन्तामणी महाराज वहाँ किसी गाँव मे नही गए..और जहाँ खनिज नीति के तहत कार्य किया जा रहा है..उसमें बाधा उतपन्न कर..राजस्व तथा खनिज अमले पर दबाव पूर्वक कार्यवाही करने को मजबूर किया जा रहा है..

बहरहाल जिले में प्रदेश सरकार की नई खनिज नीति के तहत रेत खदानें स्वीकृत है..रेत के भंडारण के लिए लीज भी है..और क्षेत्र में एक निर्वाचित जिम्मेदार जनप्रतिनिधि की धमक और दबंगई से उनकी मानसिकता साफ तौर पर परिलक्षित हो रही है..की वे क्या सोंच रहे है..यही वजह है..की खुद उनकी ही पार्टी के नेता उनसे नाराज चल रहे है..और उनके इस कृत्य को सरकार विरोधी कृत्य की संज्ञा दे रहे है..