बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..
बलरामपुर जिले में सरकारी स्कूल में अतिथि शिक्षक भर्ती में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है..और इस खुलासे के बाद भी कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देशों का खुलेआम उलंघन किया जा रहा है..हालांकि अब इस मामले में एसडीएम ने जांच की बात कही है!..
दरअसल यह पूरा मामला बलरामपुर जिले में कुसमी विकासखंड के चांदो हायर सेकेंडरी स्कूल का है.. जहाँ पर शासन के द्वारा हाई स्कूलों में विषयवार शिक्षको की कमी को दूर करने को अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई है.. लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा शासन के सभी नियमो को दरकिनार करते हुए बगैर बीएड की डिग्री प्राप्त अभ्यर्थी का चयन कर दिया गया है..जबकि शासन के नियमानुसार पूर्व में शिक्षा विभाग में सेवा दे चुके विद्यमितान और बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों को ही प्राथमिकता देनी थी..लेकिन शाला प्रबंधन समिति और प्राचार्य के द्वारा साठ गांठ कर आपत्र अभ्यर्थी को अतिथि शिक्षक के पद पर भर्ती कर लिया गया है ..
वही अब पात्र अभ्यर्थी शिक्षक बनने के लिए अधिकारियों को अपनी डिग्री दिखाते हुए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पर मजबूर है ..मामले में जिला शिक्षा अधिकारी बी एक्का और कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल ने सम्बंधित स्कूल के प्राचार्य को नियमानुसार कार्यवाही के लिए पत्र भी जारी किया है.. बावजूद इसके प्राचार्य द्वारा किसी प्रकार के कार्यवाही की पहल नही नही की गई ..
मामले में स्कूल के स्कूल के प्राचार्य से रीता केरकेट्टा का कहना है.. कि उन्हें शाला जनभागीदारी समिति ने पात्र और अपात्र अभ्यर्थियों की सूची बनाने का जिम्मा दिया था..और उन्होंने सूची बनाकर जनभागीदारी समिति को सौप दी थी..
इधर इस मामले को लेकर कुसमी एसडीएम आरएस लाल ने जांच कराकर पात्र अभ्यर्थी को ज्वाइन कराने की बात कह रहे है..
बहरहाल प्राचार्य ने अपना कसूर जनभागीदारी समिति के मत्थे मढ़ दिया है..जबकि खुद प्राचार्य भी जनभागीदारी समिति की पदेन सचिव है..ऐसे में अपात्र अभ्यर्थी को ज्वाइन कराने का दोष केवल समिति की नही बल्कि प्राचार्य का भी है..और अब इस मामले में देखने वाली बात होगी की आखिर कलेक्टर बड़ा या प्राचार्य?.