एनीकट की जांच करने रायपुर से पहुचा जांच दल

खबर का असर

जांच के दौरान दल ने स्वीकारा की निर्माण में हुई थी चूक मानकों का नही रखा गया था ख्याल

कोरिया (सोनहत से राजन पाण्डेय)

विकासखंड सोनहत के गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान के कछाड़ी क्षेत्र में बने 20 लाख के एनीकट के पहले बारिश में बह जाने के बाद लगातार प्रकाशित समाचारों से अंततः प्रशासन हरकत में आया और रायपुर से विशेष जांच दल एनीकट निर्माण की जांच करने कछाड़ी पहुचा हलाकी इसकी सूचना किसी को नही थी लेकिन भनक लगते ही पत्रकारों की टीम भी जांच स्थल पर पहुच गई। जांच में रायपुर के तकनीकी परिक्षण विभाग के कार्यपालन अभियंता वी के भूरे समेत अन्य अधिकारी भी पहुचे हुए थे। जांच अधिकारी ने अलग अलग कोण से निर्माण की फोटोग्राफी की नाप जोख कर निर्माण के संबंध में वन विभाग के अधिकारीयों से जानकारी प्राप्त किया वहीं पूरा जांच दल ने बताया की एनीकट का निर्माण सही तरीके से नही हुआ है निर्माण में तकनीकी खामिया है। वन विभाग को इतने बड़े निर्माण कार्य कराने के लिए तकनिकी सलाह अवश्य लेना चाहिए था। उन्होने आगे जानकारी देते हुए बताया की नियमानुसार जांच कर जांच प्रतिवेदन संबंधित कार्यालय को प्रस्तुत किया जावेगा।

गुणवत्ता विहीन हुआ था निर्माण
उल्लेखनीय है की जंगल की अवैध गिटटी  जंगल का बालू एवं जगल के ही लकडीयों को मिलाकर घटिया निर्माण कराया गया था । जिसके कारण चंद दिवसों में ही एनीकट में दरार आ गई और पहली बारिश में ही एनीकट की एक साईड की नीव एवं दिवार बह गए। वहीं जिले से indexलेकर प्रदेश स्तर तक पहुची शिकायतों एवं लगातार समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों के कारण जांच के डर से विभाग ने मरम्मत कार्य भी शुरू कराया था लेकिन मरम्मत में भी भारी भ्रष्टाचार किया गया यदि उक्त निर्माण में प्रयुक्त सामग्रीयों के बिल वाउचर की जांच कराई जाए तो लाखों रूपए के फर्जी बिलों का खुलासा हो सकता है

जांच अधिकारी से सीधी बात
सवाल. आप जांच में आए प्रथम दिृष्टी में आपको क्या नजर आया़
जवाब. प्रथम दृष्टि में यही प्रतीत होता है की नदी के प्रवाह को घ्यान में नही रखा गया जो तकनीकी बिन्दु होते है उनका पालन नही किया गया है।
सवाल. निर्माण कार्य में जो मटेरियल उपयोग किये गए वो निम्न स्तर के लग रहे है इस संबंध में आपका क्या कहना है।
जवाब. रेत काफी बारीक है जो की निर्माण के लिए अच्छा नही है जहां तक बात गिटटी की है तो उसका परीक्षण कर लगाया जा सकता है और इन्होने परीक्षण करया है या नही मुझे मालूम नही है।
सवाल. वन विभाग में बगैर तकनीकी देख रेख के निर्माण कार्य कराए जाते है क्या इस एनीकट में तकनीकी देख रेख की जरूरत नही थी।
जवाब. निर्माण के लिए तकनीकी मार्गदर्शन की बहुत आवश्यकता है एनीकट जैसे कार्य विशेष प्रकृति के होते है इसके लिए इंजिनीयर जरूरी है।
सवाल. क्या वन विभाग के अधिकारी इंजीनियर की भूमिका निभा सकते है।
जवाब . यदि कोई इंजीनियर के मार्गदर्शन में रह कर कार्य करना चाहे तो कर सकता है। वैसे तो नही हो सकता है।
सवाल. निर्माण कार्य में कही पर भी फिनिशिंग नही दिख रही है इस संबंध में आपको क्या लगता है।
जवाब. गुणवत्ता की कमी है पूरा काम हो चुका है ज्यादा जांच करने के लिए तोड़ के देखना पड़ेगा लेकिन कही पर भी फिनिशिंग नही दिख रही है।
सवाल. क्या लगता है सर इस तरह के कार्य आगे विभाग के द्वारा होना चाहिए
जवाब. नही इसमें रोक लगना चाहिए साथ ही वन विभाग को चाहिए की तकनीकी विभाग के बिना मागर्दशन के बिल्कुल भी इस तरह के कार्य नही कराना चाहिए
सवाल. इस एनीकट से 20 किमी दूर पानी लेजाने की बात कही जा रही है आपको क्या लगता है
जवाब. यहां खड़े होने से पता नही चल पा रहा है लेकिन मुझे लगता है की उतना दूर पानी नही जा पाएगा
सवाल. ये जो मरम्मत का कार्य चल रहा है इसमें राड के बीच में गेपिंग लग रही है इस संबंध में आपका क्या कहना है।
जवाब .  वन विभाग को इसमें भी तकनीकी मार्गदर्शन लेना चाहिये था।
सवाल .अभी जैसा मरम्मत चल रहा है यदि पिछली बार जैसे नदी का जल स्तर बढा तो यह निर्माण टिक सकेगा।
जवाब . वैसी स्थिती रही तो यह निर्माण नाकाफी है।

क्या कहते है लोग
लव प्रताप सिह लंबी शिकायतों के बाद जांच हुई है जांच के दौरान हम लोग भी मौके पर गए थे जांच दल निर्माण की गुणवत्ता से संतुष्ट नही है इस मामले में पार्क के अधिकारीयों के उपर कार्यवाही होनी चाहिए

गुलाब कमरो उपाध्यक्ष कांग्रेस पूरा निर्माण कार्य पार्क के एस डी ओ के विशेष देख रेख में हुआ है ।इतना घटिया मटेरियल का इस्तेमाल हुआ है जो किसी से अब छुपा नही है शासन को एस डी ओ समेत अन्य संबंधित अधिकारीयों के उपर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए

पुष्पेन्द्र राजवाड़े सोनहत यदि इस बार भी इस मामले में कड़ी कार्यवाही नही की गई तो विरोध प्रर्दशन लगातार जारी रहेगा

चूक हुई है
राज कुमार उरांव एस डी ओ पार्क,  कही न कही चूक ताू हुई है यहां के अधिकारी कर्मचारीयों को इस बात की निगरानी
करना था। फिर भी हमने नदी के प्रवाह के अनुसार मरम्मत कराया है इस बार ऐसा नही होगा।