Ambikapur News: अम्बिकापुर के ग्राम पंचायत रेवापुर के आश्रित ग्राम लवईडीह के बरपारा में ग्रामीणों द्वारा नदी में पुल निर्माण सहित विभिन्न मांगों को लेकर लोकसभा निर्वाचन में हिस्सा ना लिए जाने की सूचना संज्ञान में आते ही कलेक्टर विलास भोसकर के निर्देश पर जनपद पंचायत सीईओ आरएस सेंगर सहित स्थानीय प्रशासनिक टीम गांव पहुंची। यहां पहुंचकर ग्रामीणों से मिलकर उन्होंने ग्रामीणों की मांगों को सुना और जल्द से जल्द निराकरण किए जाने के लिए ग्रामीणों को आश्वासन दिया। जिसके बाद ग्रामीणों ने भी मतदान के लिए सहमति दी। उन्होंने ग्रामीणों को मताधिकार के महत्व को बताया और ग्रामवासियों को मतदाता जागरूकता शपथ दिलाई।
बता दें कि, सरगुजा जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर ग्राम लवाईडीह गांव बसा हुआ हैं। जहां के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में वोट नही देने का मन बना लिया हैं। इस गांव में कई दशक गुजर गए बावजूद इसके 50 घरों के जीवन मे आज तक मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने में विधायक हो या जिला प्रशासन उपलब्ध नहीं कराया पाया। यही वजह हैं कि, ग्रामीणों ने 7 मई को होने वाले मतदान का बहिष्कार कर दिया हैं।
ग्रामीण अजीत लाकड़ा ने बताया कि, लव लवाईडीह दोनों तरफ से नदियों से घिरा हुआ गांव हैं। जिसमें हम फंसे हुए हैं। उन्होंने आगे कहा, इसी नदी को नाव के जरिए पार करते हुए एक लड़की की डूब कर मौत हो गई थी, तब तत्कालीन विधायक चिंतामणि महाराज नदी पर पुल बनाने के लिए जल सत्याग्रह किए थे। लेकिन, आज तक फूल नहीं बना। अजीत आगे बताते हैं कि, हमारी मांग हैं कि इस नदी पर पुल बने। और और हम आगामी लोकसभा चुनाव को बहिष्कार कर रहे हैं। हम वोट उसी नेता को देंगे जो हमारे लिए फूल बनाएंगे।
इधर, 17/07/2018 को तत्कालीन लुंड्रा विधायक चिंतामणि महाराज व सरगुजा लोकसभा से भाजपा सांसद प्रत्याशी ने ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए जल सत्याग्रह किया था। लेकिन, आज तक इन ग्रामीणों का समस्या को समाधान नही कर पाए। जिसको लेकर भाजपा से सांसद प्रत्याशी चिंतामणि महाराज से सवाल किया गया। तब उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि, पहली बार विधायक बना और उसके बाद सामरी का विधायक बन गया था। उसके बाद मेरी कोई जवाबदारी नही थी कि, क्या हुआ या नही हुआ। लेकिन, जो बाद में विधायक बने उनकी जिम्मेदारी थी और उन्हें ध्यान देना था। मगर इस बार सांसद के रूप में जनता मुझे चुनती हैं, तो इसका जानकारी जरूर लूंगा।
बहरहाल, इस गांव में 50 घर और 150 मतदाता हैं। इन ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर राजनैतिक पार्टियां हो या जिले के जिम्मेदार अधिकारी किसी ने ध्यान नही दिया और अब चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया हैं। अब देखना होगा कि, इस गांव के ग्रामीण मतदान करते हैं या किसी तरह का आश्वासन जिला प्रशासन द्वारा दिया जाएगा।
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