अम्बिकापुर। हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा कोल ब्लाक का विरोध तेज हो गया है। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के आह्वान पर प्रदेशभर से पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं के साथ प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण सड़क पर उतर आए हैं। अंबिकापुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया गया है। ग्राम सालही के समीप बड़ी संख्या में लोग सड़क पर जमे हुए हैं। वहीं नीचे कोयला परिवहन के लिए बिछाए गए रेलवे ट्रैक को भी जाम कर दिया गया है। इससे कोयला परिवहन प्रभावित हो गया है।
पूर्व सांसद और छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष सोहन पोटाई भी आंदोलन में शामिल होने पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि पांचवी अनुसूची क्षेत्र में रूढ़ि प्रथा प्रभावशील होता है लेकिन सरकार ने ग्रामीणों की भावनाओं के विपरीत फर्जी ग्रामसभा के माध्यम से परसा कोल ब्लाक आवंटन को मंजूरी दी है। लगभग 1250 हेक्टेयर जमीन इसके दायरे में आ रही है जिससे कई गांव के लोगों को विस्थापन का दर्द झेलना पड़ेगा। लाखों पेड़ काटे जाएंगे। जल, जंगल, जमीन के लिए बीते दो मार्च से प्रभावित क्षेत्र के ग्राम हरिहरपुर में ग्रामीण शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं। शासन- प्रशासन द्वारा उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं करने के कारण शुक्रवार को आम छत्तीसगढ़वासियों से एकजुट होकर आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया गया था।
इसी का परिणाम है कि बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचे हुए हैं। बताया गया कि शुक्रवार का आंदोलन सांकेतिक है यदि इसके बाद भी शासन प्रशासन द्वारा परसा कोल ब्लाक के आवंटन को रद नहीं किया गया तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाओं की भी सहभागिता है। हजारों की संख्या में लोग राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे ट्रैक पर उतर आए हैं। आवागमन पूरी तरीके से बाधित हो चुका है। बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर रखा गया है अभी तक स्थिति नियंत्रण में है लेकिन प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण उग्र हो चुके हैं।
उनका कहना है कि जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार नहीं बनी थी तब नजदीक के गांव मदनपुर में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने वादा किया था कि वे हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल ब्लाक आवंटन के पक्ष में नहीं हैं। यदि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी तो किसी भी कीमत पर जंगल उजड़ने नहीं दिया जाएगा। आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी कोयला खनन के लिए फर्जी तरीके से अनुमति दे दी गई है। जब तक कोल ब्लॉक आवंटन को रद्द नहीं किया जाता तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। स्थिति ना बिगड़े इसलिए जिला प्रशासन के अधिकारी भी पूरे माहौल पर नजर बनाए हुए हैं।