अम्बिकापुर/उदयपुर/क्रांति रावत. सरगुजा जिले के विकासखंड उदयपुर अंतर्गत आने वाले ग्राम घाटबर्रा पेंड्रामार जंगल में सोमवार को वन अमला द्वारा सैकड़ों की संख्या में मौजूद पुलिस बल की उपस्थिति में परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोल परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई का काम सुबह 7 बजे करीब शुरू किया गया था.
ग्रामीणों की कम संख्या में उपस्थिति के दौरान पेड़ों की कटाई मशीनों के माध्यम से धड़ल्ले से की जा रही थी. सुबह 8:15 बजे के करीब 100 से ऊपर ग्रामीणों के लाठी-डंडों से लैस होकर पहुंचने के बाद पेड़ों की कटाई वन अमला को रोकना पड़ा. ग्रामीणों का भारी विरोध लगातार जारी रहा.
ग्रामीणों के भारी विरोध के आगे पेड़ों की कटाई करने वालों के एक न चली. जैसे ही पेड़ों की कटाई लोग शुरू करने की कोशिश करते थे. महिलाएं पेड़ों के सामने खड़ी हो जाती थी तथा पुलिस प्रशासन एवं भूपेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे. ग्रामीणों के भारी विरोध को देखते हुए पेड़ों की कटाई का काम वन अमला द्वारा बंद कर दिया गया.
ग्रामीणों के पहुंचने से पहले तक वन अमला 200 से अधिक पेड़ों की कटाई मशीनों के माध्यम से कर लेने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है. बड़े पेड़ों को काटने में लगभग 2 मिनट का समय लग रहा था. 10 से 12 पेड़ काटने के स्पेशलिस्ट लोगों को वन अमला द्वारा पेट्रोल से चलने वाली मशीन देकर पेड़ों की कटाई कराई जा रही थी.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला, एसडीओपी अखिलेश कौशिक, थाना प्रभारी उदयपुर धीरेंद्र नाथ दुबे एवं जिले के विभिन्न थानों के प्रभारियों के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल जंगल के चप्पे-चप्पे में मौजूद रहे. लोगों को प्रवेश नहीं देने के लिए जंगल प्रवेश स्थल के समीप रस्सी का घेरा बनाया गया था. बावजूद इसके कोल खदान का विरोध करने वाले ग्रामीण मौके पर सैकड़ों की संख्या में पहुंच गए.
पेड़ों की कटाई के लिए प्रशासन द्वारा पूरी ताकत झोंक दी गई थी. अम्बिकापुर एसडीएम प्रदीप साहू, उदयपुर एसडीएम अनिकेत साहू, सीतापुर एसडीएम, उदयपुर तहसीलदार सुभाष शुक्ला, नायब तहसीलदार रवि भोजवानी तथा राजस्व अमले के विभिन्न अधिकारी कर्मचारी भी सुबह से ही घाटबर्रा के जंगलों में डटे हुए थे.
प्रशासन द्वारा ग्रामीणों के पूर्व के विरोध को देखते हुए निगरानी के लिए 2 ड्रोन कैमरे भी लगाए गए थे. ड्रोन कैमरे के माध्यम से आसमान से विरोध करने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही थी.
इसी दौरान सुबह 8:00 बजे के करीब छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे एवं पेड़ों की कटाई का विरोध करते हुए जंगल में ही धरने पर बैठ गए. उनके साथ सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण भी धरने पर बैठे हुए नजर आए. ग्रामीणों ने जंगल में ही भोजन दोपहर में किया तथा जंगलों की निगरानी लगातार करते हुए नजर आए.
चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल ने कहा जंगलों को काटने से पहले छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष का गर्दन काटना पड़ेगा तब पेड़ों की कटाई होगी. किसी भी सूरत में जंगल नहीं कटने देने का बात भी इनके द्वारा बताया गया है.
पेड़ों की कटाई की वास्तविक संख्या के बारे में जानकारी चाहने के लिए प्रोडक्शन के रेंजर राज बहादुर राय से संपर्क करने पर उन्होंने जानकारी थोड़ी देर में देने की बात कहते हुए मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया.
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