अनिल उपाध्याय, सीतापुर। बैंक में पैसों के लाले पड़ जाने के कारण भुगतान के अभाव में किसानों ने अव्यवस्था के विरुद्ध जमकर नारेबाजी करते हुए नेशनल हाईवे जाम कर दिया। किसानों द्वारा आवागमन बाधित कर देने से नेशनल हाईवे में अफरातफरी का माहौल निर्मित हो गया था। किसानों द्वारा नेशनल हाईवे जाम करने की खबर सुन पुलिस एवं प्रशासन के हाथ पाँव फूल गये। आनन फानन में पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुँचे और अव्यवस्था से नाराज चल रहे किसानों को बमुश्किल समझा बुझाकर चक्काजाम स्थगित कराया। चक्काजाम के दौरान सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई थी जिसकी वजह से लोगो को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
प्राप्त जानकारी अनुसार क्षेत्र के किसान बैंक से अपनी जमा पूँजी निकालने भारी संख्या में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पहुँचे थे। जहाँ लेन देन के दौरान पैसों के लाले पड़ गये और भुगतान प्रभावित हो गया। जिसकी वजह से बैंक प्रबंधन ने भुगतान कर पाने में असमर्थता जताते हुए किसानों के समक्ष हाथ खड़े कर दिये। नगद भुगतान के मामले में बैंक की ये हालत देख किसानों का धैर्य जबाब दे दिया और सैकड़ो की संख्या में किसानो ने बैंक में व्याप्त अव्यवस्था के विरुद्ध नेशनल हाईवे जाम कर दिया। तहसील कार्यालय के चंद कदमो की दूरी पर किसानों ने चक्काजाम करते हुये बैंक में व्याप्त अव्यवस्था और किसानों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए बैंक प्रबंधन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। बगैर सूचना के किसानों द्वारा अचानक चक्काजाम के इस घटनाक्रम से पुलिस प्रशासन के हाथ पाँव फूल गये और वो आनन फानन में किसानों के बीच जा पहुँचे। जहाँ अधिकारियों ने अपने रुख पर अडिग किसानों को समझा बुझाकर उनका आक्रोश शांत कराया तब जाकर चक्काजाम स्थगित हुआ। इस दौरान मौके पर काफी अफरा तफरी का माहौल निर्मित हो गया था और नेशनल हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई थी।
पैसों के अभाव में किसान है परेशान, बैंक का चक्कर लगा लगाकर हो चुके है हलाकान–
इस संबंध में किसान देवनाथ, लोकेश्वर, परबल, रामसाय आदि ने बताया कि क्षेत्र में इन दिनों फसल कटाई जोरो पर है किसान अपने खेतों में लगा धान काटने में मशगूल है। ऐसी स्थिति में उसे मजदूरी भुगतान एवं अन्य जरूरी कामो के लिए पैसों की बहुत आवश्यकता होती है जिसके लिए वो काम छोड़कर पैसा आहरण करने बैंक आता हैं। जहाँ पैसों का अभाव बता बैंक प्रबंधन किसानों से भेदभाव करते हुए हाथ खड़े कर अपना पल्ला झाड़ लेता है। आज कई दिन तक बैंक का चक्कर लगाने के बाद भी पैसा नही मिलने के बाद मजबूरन किसानो को चक्काजाम करना पड़ा। इस हालत के लिए पूरी तरह बैंक प्रबंधन जिम्मेदार है।
“इस संबंध में बैंक प्रबंधक तिलक चौहान ने बताया कि बैंक की वितरण क्षमता 1 करोड़ की है किंतु बैंक को मात्र 10 से 20 लाख ही मिलते है। इतने राशि मे जितने किसानों को दिया जा सकता है उतनो को भुगतान कर दिया जाता है। जब तक राशि का आवंटन नही बढ़ाया जाएगा ये स्थिति निर्मित होती रहेगी।”