अनिल उपाध्याय, सीतापुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के दौरान खून की कमी से जूझ रही 65 वर्षीय महिला को डॉक्टर ने ब्लड चढ़ाकर उसकी जान बचाई। किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रही है महिला की तबीयत खराब होने पर परिजन उसके लेकर उपचार हेतु स्वास्थ्य केंद्र पहुँचे थे। जहाँ खून के अभाव में मरीज की हालत गंभीर देख डॉक्टर एवं उनकी टीम ने ब्लड चढ़ाकर महिला की जान बचाई।
प्राप्त जानकारी अनुसार 65 वार्षिक सुभाषिनी साहू पति लोचन प्रसाद किडनी की बीमारी से ग्रसित है। जिसकी वजह से उसे हमेशा खून की कमी से जूझना पड़ता है। आर्थिक अभाव की वजह से परिजन बेहतर इलाज हेतु बाहर ले जाने में असमर्थ है जिसकी वजह से दिन प्रतिदिन महिला की परेशानी बढ़ती जा रही थी। इसी बीच महिला की तबीयत खराब होने पर परिजन उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचे। जहाँ डॉ नीरज कुशवाहा एमडी मेडिसिन ने महिला की हालत गंभीर देखते हुये उसे एडमिट कर उपचार शुरू किया और खून की कमी से जूझ रही महिला को लेब टेक्नीशियन कमलेश गुप्ता एवं नर्स सुषमा सिंह के सहयोग से ब्लड चढ़ाकर उसकी जान बचाई। उपचार के बाद महिला की हालत में सुधार देख परिजनों ने राहत की सांस ली है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से डॉक्टर एवं उनकी टीम की देखरेख मे हुये उपचार के बाद महिला की हालत में सुधार हो रहा है उससे ये उम्मीद जग गई है कि विषम परिस्थिति में यहाँ मरीज की जान बच सकती हैं।
इस संबंध में डॉ नीरज कुशवाहा का कहना है कि जो भी मरीज उपचार कराने आते हैं मेरा पूरा प्रयास रहता है कि प्राथमिक उपचार के दौरान मरीज को इतनी राहत मिल जाये ताकि वो बाहर जाकर अपना बेहतर इलाज करा सके। रक्तदान के जरिये महिला की जान बचाने वाले डॉ नीरज कुशवाहा एमडी मेडिसिन ने लोगो को रक्तदान के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि रक्तदान को लेकर लोगो के अंदर बहुत सारी गलतफहमी बनी हुई है। रक्तदान करने से शरीर को कोई नुकसान नही होता है बल्कि रक्तदान के माध्यम से रक्त की कमी से जूझ रहे लोगो की जान बचाई जा सकती है।