अनिल उपाध्याय/सीतापुर- नगर पंचायत द्वारा आबादी क्षेत्र में कचरा डंप करने के साथ खुले में मृत मवेशियों को दफनाया जा रहा है।जिससे उठने वाली दुर्गंध ने आसपास के लोगो का जीना मुहाल कर दिया है।इस पर रोक लगाने नगरवासियों ने एसडीएम संग सीएमओ को ज्ञापन आबादी क्षेत्र में कचरा फेकने एवं मृत मवेशियों को खुले में दफनाने पर रोक लगाने की मांग की है।
विदित हो कि, नगर के बाजारडाँड़ में मौजूद सार्वजनिक तालाब के पास नगर पंचायत द्वारा पूरे शहर का कचरा लाकर डंप किया जाता हैं।विगत कई सालों से कचरा डंप होने की वजह से यहाँ पर कचरे का अंबार लग गया हैं। जिससे उठने वाली दुर्गंध ने आस-पास के रिहायशी क्षेत्रों में रहने वाले लोगो का जीना दूभर कर रखा हैं।इसके अलावा सफाई कर्मचारियों द्वारा कचरे में मौजूद प्लास्टिक में आग लगाने की वजह से उससे उठने वाला धुंआ पूरे वातावरण को दूषित कर देता हैं। जो सेहत के लिहाज से काफी नुकसानदेह एवं हानिकारक होता हैं। जिसका खामियाजा नगरवासियों को झेलना पड़ता है। इस पर रोक लगाने कई बार नगरवासियों ने नगर पंचायत से मांग की पर सफाईकर्मियों की लापरवाही से आज भी लोग दूषित माहौल का सामना करने को मजबुर है। रिहायशी क्षेत्र में रहने वाले लोग इस परेशानी से अभी निजात पाए भी नही थे कि दूसरी परेशानी उनके गले आ पड़ी है।
नगर पंचायत के सफाईकर्मी अब कचरे के साथ वहाँ खुले में मृत मवेशियों को दफनाने लगे है।जिससे उठने वाली दुर्गंध ने आसपास के लोगो का जीना मुहाल कर दिया है। जबकि मृत मवेशियो को दफनाने की एक प्रक्रिया होती है।जिसका पालन किए बगैर सफाईकर्मी खुले में मवेशियों को दफना कर माहौल को दूषित कर रहे हैं। नगर पंचायत के सफाईकर्मियों की इस लापरवाही से लोग दुर्गंध के साथ दूषित माहौल में जीने को मजबूर हैं। इससे निजात पाने नगरवासियों ने एसडीएम समेत सीएमओ को ज्ञापन सौंप खुले में कचरा फेकने एवं मृत मवेशियों को दफनाने पर रोक लगाने की मांग की हैं।
इस संबंध में सीएमओ एस के तिवारी ने कहा कि दुबारा ऐसा न हो इसके लिए दिशानिर्देश जारी किया जाएगा।