आरटीआई में जानकारी मांगने पर हुआ खुलासा
आर.टी.आई कार्यकर्ता दिनेश सोनी ने किया खुलासा
मनरेगा के तहत पंचायतो के ई-सेवा केन्द्र मे बांटा गया है स्तरहीन कंप्यूटर…..
अम्बिकापुर से इमरान रजा की रिपोर्ट
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत वर्ष 2010 में जिला पंचायत सरगुजा में कम्प्युटर खरीदी में करोड़ो रूपए की खरीदी नियम कायदों को ताक पर रख कर दी गई। दो सप्लायर कंपनियों को कोटेषन लेकर सप्लाई आदेष दे दिया गया एवं दो करोड़ 14 लाख 57 हजार 182 रूपए का भुगतान कर दिया गया। उक्त भुगतान में जिला पंचायत के लेखापाल के अनुषंसा का भी उल्लेख नहीं है और न ही हस्ताक्षर ही कराए गए है। लेखा नियमों के विपरीत जिला पंचायत के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने सप्लायर कंपनी को उक्त पूरी राषि का भुगतान किया है। इस मामलें में जिस सप्लायर कंपनी से कम्प्यूटर एवं एसेसिरिज सप्लाई का अधिकार भी नहीं था, लेकिन सप्लायर कंपनी को लाभ पहुंचाने के उद्देष्य से यह बड़ा कारनामा किया गया है। आरटीआई के तहत हूए इस खुलासे के बाद जिले के आरटीआई कार्यकर्ताओं ने सरगुजा कमिष्नर को संपूर्ण दस्तावेज सौंपते हूए कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी के अनुसार मनरेगा के तहत सरगुजा जिले में वर्ष 2010 में जिले के समस्त ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतो एवं जिला स्तर पर योजना के संचालन हेतु कम्प्युटर, प्रिंटर एवंम यूपीएस क्रय किया जाना था जिसके अनुसार सीएसआईडीसी दर पर कम्प्यूटर, प्रिंटर, यूपीएस क्रय करने हेतु जिला पंचायत सरगुजा द्वारा 8 फरवरी 2010 को बीएसएस कार्पोषन अवंति बिहार रायपुर व वीपीएस केयर पागरिया काम्प्लेक्स रायपुर को सप्लाई आर्डर दिया गया था। कुल 592 की संख्या में उक्त सामग्री प्रदान करने का आर्डर दिया गया। आर्डर मिलने पर सप्लायर द्वारा उक्त सामग्री जिला पंचायत सरगुजा कार्यलय को उपल्बध कराया गया था, जहां से जिले के सभी जनपद पंचायतों में उक्त कम्प्यूटर एवं उसके उपकरणों को अलग-अलग संख्या में पहुंचाय गया। यहां से ग्राम पंचायतो में उक्त सामाग्री वितरित की गई। इस बड़े खरीदी के मामले में गड़बड़ी की आषंका होने पर अधिवक्ता व आरटीआई कार्यकर्ता डीके सोनी ने जिला पंचायत सरगुजा में आरटीआई के तहत खरीदी की जानकारी मांगी आरटीआई के तहत दी गई जानकारी में कम्प्यूटर एवं उपकरण के कंम्पनी का नाम एवं संख्या के संबंध में 21 मार्च 2012 को जानकारी दी गई। जानकारी में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है की मोनिटर 592 नग एस्सर एवंम एचपी कम्पनी का व यूपीएस 592 नग यूनीलाईन कंम्पनी का सीपीयू 592 नग एस्सर व एचपी कम्पनी का, प्रिंटर 592 नग सैमसंग कम्पनी का व डीवीडी रोम 592 नग एस्सर व एचपी कम्पनी का सप्लाई किया गया है। इसके अलावा 21 मार्च 2012 तक कुल भुगतान 1 करोड़ 93 लाख 30 हजार 595 रू. कर दिये जाने की जानकारी दी गई है। आरटीआई कार्यकर्ता को मिले दस्तावेज में छत्तीसगढ़ शासन वाणिज्य एवं उद्योग विभाग रायपुर द्वारा 28 अप्रैल 2012 को सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानाकरी में वाणिज्य एवं उद्योग विभाग डीकेएस भवन रायपुर द्वारा 31 मार्च 2010 को अधिसूचना जारी किया गया इसमें नियमावली जोड़ा गया व कम्प्यूटर एवं एसोसिरिज जोड़ा गया है जब्की जिला पंचायत सरगुजा द्वारा 8 फरवरी 2010 को ही दो सप्लायरों को सप्लाई आदेष दिया गया है ,
आरटीआई में यह भी खुलासा हुआ है की जिला पंचायत सरगुजा द्वारा 3 जून 2010 को सीईओ जनपद पंचायतों को आदेष जारी कर उल्लेख किया गया है की कम्प्यूटर सेट को ऐसे ग्राम पंचायतो को आबंटित करे जहां ग्राम सचिव व रोजगार सहायक को कम्प्यूटर से काम करने का ज्ञान हो पर इनके द्वारा एैसे ग्राम सचिव व सहायक को भी कम्प्यूटर दिया गया जहां उस ग्राम पंचायत में विद्युत की व्यवस्था ही नही है साथ ही इस 592 नग कम्प्यूटर की गुणवत्ता की जांच सभी अधिकारियों ने एक ही दिन में जांच कर दी जिससे इस मामलें में हूआ फर्जीवाड़ा और करोड़ो का घोटाला समाने है,,, पर आज तक इस मामलें में कारवाई नही हो पाई है,,,
आरटीआई कार्यकर्ता ने इस मामलें की शिकायत बड़े अधिकारियो से कही है पर जांच नही हो पाई है सरगुजा कलेक्टर ने इस मामलें की पूनः जांच करा कर कठोर कार्यवाही की बात कही है।