अम्बिकापुर 30 अप्रैल 2014
- सुपोषित एवं समृद्ध सरगुजा अभियान के लिए कार्यशाला आयोजित
- कलेक्टर ने 30 हजार महिला समूहों के माध्यम से आर्थिक, सामाजिक सशक्तिकरण की कार्ययोजना बनाई
सरगुजा सुपोषण एवं समृद्ध अभियान के माध्यम से जिले के लगभग 30 हजार महिलाओं का स्वयं सहायता समूह गठन करने की दिशा में आज कलेक्टर की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के जिलाधिकारियों एवं मैदानी कर्मचारियों की उपस्थिति में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन ने जिले में किशोरी बालिका समूह एवं महिला स्वयं सहायता समूह निर्माण की अवधारणा का प्रस्तुतीकरण करते हुए इनके दीर्घ कालीक परिणाम एवं प्रभाव के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने जिले में उपलब्ध संसाधन एवं महिलाओं की स्थिति पर चर्चा करते हुए संबंधित विभागों को आपसी समन्वय से महिला स्वयं सहायता समूह के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया।
कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग, कृषि, मत्स्य, पशु पालन, उद्यानिकी, रेशम, शिक्षा, उद्योग एवं व्यापार, रोजगार, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, स्किल डेव्हलपमेंट मिशन, लाईवलीहुड काॅलेज, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, शहरी विकास अभिकरण, साक्षर भारत एवं अन्य संबंधित विभागों के जिलाधिकारी एवं मैदानी कर्मचारी कार्यशाला में शामिल हुए। कलेक्टर ने कार्यशाला में बताया कि सशक्त एवं सबल समाज के निर्माण में सक्रिय एवं समावेशी प्रयास आवश्यक है और इनमें महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने महिला समूह के माध्यम से उनके आजीविका संवर्धन एवं विकास में उनकी भूमिका को चिन्हांकित करते हुए कहा कि इन समूहों के माध्यम से सुपोषित एवं समृद्ध सरगुजा अभियान को एक नई पहचान मिलेगी।
हर महिला समूह में, हर समूह एक गतिविधि में
कलेक्टर ने बताया कि महिला समूहों का सूत्र वाक्य ’’हर महिला समूह में, हर समूह एक गतिविधि में’’ होगा। उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न विभागों द्वारा पूर्व में निर्मित स्वयं सहायता समूह यथावत रहेंगे तथा उन्हें और अधिक सक्रिय एवं सशक्त बनाया जाएगा। कलेक्टर ने स्वयं सहायता समूह गठन के सिद्धांतों पर चर्चा करते हुए बताया कि समूह बनाते समय एक ही वर्ग के सदस्यों को एक समूह में शामिल किया जाएगा। उनके निवास एवं दूरी को ध्यान में रखते हुए महिलाओं को सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा। उनकी रूचि का भी विशेष ख्याल रखा जाएगा। गांव एवं शहरी महिलाओं के लिए अलग समूह बनेगा। श्रीमती सैन ने बताया कि समूह निर्माण की प्रक्रिया में चार चरण होंगे। जिनमें पहला समूह का निर्माण, दूसरा गतिविधि का चयन, तीसरा उनका निरन्तर फालोअप तथा चैथे चरण में समूह का ट्रेकिंग किया जाएगा।
5 आधारभूत कार्य
महिला समूह को 5 आधारभूत कार्य में सहभागी बनना होगा। जैसे शिक्षा एवं साक्षरता, शौचालय की सुविधा, शुद्ध पेयजल, आर्थिक गतिविधि एवं जागरूकता संबंधी गतिविधि में शामिल होंगे। कलेक्टर ने समूह निर्माण के लिए समय-सीमा निर्धारित करते हुए जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को विकासखण्डों में संबंधित एवं मैदानी कर्मचारियों का 15 दिवस में कार्यशाला आयोजन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि तीन महीने के भीतर समूह का निर्माण किया जाएगा।
गतिविधियों का चिन्हांकन
जिले की विशेषताओं एवं उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप गतिविधियों का चिन्हांकन किया गया। प्राथमिक स्तर मंे ग्रामीण आजीविका से संबंधित गतिविधियों का चिन्हांकन किया गया। इसके पश्चात शहरी एवं सेवा क्षेत्र से संबंधित गतिविधियों का चिन्हांकन किया गया। प्रमुख गतिविधियों में वानिकी, पशु पालन, उद्यानिकी, मत्स्य पालन, कृषि आधारित गतिविधि, पोहा निर्माण, चाक निर्माण, वर्मी कम्पोष्ट, साग-सब्जी, विभिन्न प्रकार के डिब्बे, पैकिंग, स्कूल बैग, ईट एवं खपरैल निर्माण, मच्छरदानी, लोहे का समान निर्माण, टेंट हाउस, बैंड, साउण्ड सिस्टम आदि शामिल हैं। विभिन्न सेवाओं से संबंधित कार्य भी शामिल किया गया है।
कलेक्टर ने बताया कि ग्राम स्तर पर समूहों के सहयोग के लिए प्रेरक, सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एडीओ को जिम्मेदारी दी जाएगी। साक्षर भारत कार्यक्रम के प्रेरक एसएचजी मित्र होंगे। कलेक्टर ने यह भी बताया कि समूहों के सफल संचालन एवं क्रियान्वयन के लिए सेक्टर निर्धारित किए जाएंगे और प्रत्येक सेक्टर के लिए अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। श्रीमती सैन ने बताया कि प्रत्येक समूह का नियमित मूल्यांकन किया जाएगा तथा फारवर्ड एवं बैकवर्ड लिंकेज के लिए कार्य योजना बनाया जाएगी। उन्होंने लीड बैंक आॅफिसर को निर्देशित करते हुए कहा कि जीरों बजट में महिला समूहों का खाता खोलना सुनिश्चित करें तथा बैंकर्स विशेष कैम्प लगाकर इस दिशा में कार्य करें। कार्यशाला में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.एक्का, वनमण्डलाधिकारी मोहम्मद शाहिद एवं संबंधित विभाग के जिलाधिकारी उपस्थित थे।