खाद्यान माफियाओं की सक्रियता से छग मे आने लगी, झारखंड से धान की खेप

झारखंड से धान का अवैध परिवहन कर रहे दो ट्रक जब्त

अम्बिकापुर

धान खरीदी का सीजन आते ही धान के गोरख धंधे की खबरे सरगुजा में लगातार आने लगी है बुधवार की दोपहर रिंग रोड चोपडापारा के पास से मंत्री केदार कश्यप के काफिले के निकलने के कारण यातायात कर्मियों से वहा से गुजर रहे धान के ट्रक को रुकवा लिया था और मंत्री जी के काफिले के निकलने के बाद उस ट्रक को यातायात कर्मी जाने भी देते लेकिन ट्रक चालाक की हडबडी को देखा कर यातायात कर्मियों को शक हुआ जिसके बाद ड्यूटी में तैनात यातायात कर्मियों ने चालक से वाहन व धान के कागजात देखे और बाद धान परिवहन के संदिग्ध लगने के कारण यातायात कर्मियों ने वाहन में मिले कागज़ यातायात थाने जमा करा दिए। इस दौरान मौक़ा देख कर ट्रक चालाक ट्रक लेकर फरार हो गया। हालाकी यातायात विभाग के चंगुल से धान माफिया आराम से निकल जाते लेकिन किसी ने इसकी सूचना एस डी एम् को दे दी। सूचना पर एस डी एम् पुष्पेन्द्र शर्मा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुचे और ट्रक में मौजूद धान व कागजात की जांच की जांच के ही दौरान वही से निकल रहे एक और धान के ट्रक को रुकवाकर जांच की ई तो उस ट्रक में धान का अवैध परिवहन करना पाया गया। चूंकी यह धान झारखंड से परिवहन करके लाया जा रहा था और छतीसगढ़ में बाहर से धान का परिवहन प्रतिबंधित है जिस पर दोनों ट्रक को जप्त कर खाद्य विभाग और नागरिक आपूर्ति निगम को कार्यवाही के लिए सौंपा गया है।

वही छत्तीसगढ़ में धान परिवहन के सम्बन्ध में नियमो की बात की जाए तो 17 सौ ग्रेड के ऊपर के धान के छतीसगढ़ में परिवहन के लिए कलेक्टर से अनुमति लेने के बाद ही परिवहन किया जा सकता है और उससे कम ग्रेड के धान के परिवहन की अनुमति नहीं दी जाती है लेकिन इन ट्रको में लगभग 14 सौ ग्रेड के धान पाए गए जो पूर्णतः गैरकानूनी है। नियम तो यह भी है की निजी तौर पर धान का परिवहन एक जिले से दूसरे जिले में भी बिना कलेक्टर के अनुमति के नहीं किया जा सकता। लिहाजा धान का परिवहन कर रहे इन काला बाजारियो पर प्रशासन अब कड़ी कार्यवाही के मूड में है।

पुष्पेन्द्र शर्मा…अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अम्बिकापुर

मामले की जाँच करने पहुचे एस डी एम ने बतया की दो ट्रको में धान का परिवहन किया जा रहा था जिसकी जांच करने के बाद अवैध पाया गया है।  आगे की कार्यवाही के लिए दोनों ट्रक को खाद्य विभाग व नागरिक आपूर्ति निगम के हवाले कर दिया गया है।