अम्बिकापुर
अमेरिका(लाॅसवेगास) से नेता प्रतिपक्ष श्री टीएस सिंहदेव
अपने विदेश प्रवास के दौरान अमेरिका के लासवेगास शहर से, प्रदेश में विगत वर्ष 25 मई 2013 को घटित झीरम घाटी काण्ड की बरसी पर अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की है।
नेता प्रतिपक्ष ने, झीरम घाटी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के काफिले पर हुए नक्सली हमले की प्रथम बरसी पर हमले में शहीद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व. श्री विद्याचरण शुक्ल, स्व. श्री नंदकुमार पटेल, स्व. श्री महेन्द्र कर्मा, स्व. श्री उदय मुदलियार, स्व. श्री दिनेश पटेल, स्व. श्री योगेन्द्र शर्मा एवं अन्य कार्यकर्ताओं , सुरक्षा बल के शहीद जवानों व आमजनों को श्रद्धांजलि दी है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, ऐसी घटनांए सभ्य मानस समाज के लिये कलंक है एवं अत्यंत दुखदायी है। हमने अपने जिन साथियों को खोया है, उनकी क्षति अपूरणीय है, किन्तु उनका बलिदान हमें हमेशा संबल प्रदान करता रहेगा और नक्सल समस्या से लड़ने के लिये हमेशा प्रेरित भी करेगा।
श्री सिंहदेव ने कहा कि, झीरम घाटी काण्ड प्रशासनिक चूक एवं लापरवाही के कारण घटित अब तक की सबसे बड़ी नक्सली घटना है। इस घटना में कांग्रेस पार्टी के प्रथम पंक्ति के नेताओं, निष्ठावान कार्यकर्ताओं एवं सुरक्षाबल के जवान सहित आमजन शहीद हुए। भाजपा शासन के दौरान घटित इस घटना को इतिहास के “काले अक्षरों” में लिखा जायेगा। नेता प्रतिपक्ष ने अपने बयान में प्रदेश की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि, राज्य सरकार द्वारा सुकमा जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के नेताओं को जानबूझकर सुरक्षा नहीं उपलब्ध कराई गई, जबकि राज्य सरकार को कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर संभावित नक्सल हमले की पुख्ता खुफिया जानकारी थी।
नेता प्रतिपक्ष ने अमेरिका से जारी अपने बयान में कहा कि, इस घटना की जांच प्रदेश सरकार द्वारा अपने स्तर पर न्यायिक जांच गठित कर भी कराई जा रही है, जिसकी रिपोर्ट तीन महीने में आने वाली थी, किन्तु एक वर्ष के लंबे अंतराल के बाद भी रिपोर्ट आज तक प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार द्वारा अपने स्तर पर कराई जा रही जांच के जो बिन्दू तय किये गये हैं, वे भी सिद्ध करने के लिये पर्याप्त हैं कि, उन बिन्दूओं पर जांच कराकर सरकार जांच को मूल उद्देश्य से भटकाने का प्रयास कर रही है। नेता प्रतिपक्ष ने अमेरिका के लासवेगास से जारी अपने श्रद्धांजलि संदेश में कहा कि, घटना के एक वर्ष बाद आज भी यह प्रश्न जीवित है तथा कांग्रेस पार्टी को इस पर आपत्ति भी है कि, कांग्रेस नेताओं के काफिले को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई? किसने नहीं दी ? और किसके कहने पर नहीं दी ? ये न्यायिक जांच एवं एनआईए की जांच के मुख्य बिन्दु होने चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंहदेव ने झीरम घाटी नक्सली काण्ड में शहीदों को नमन करते हुए, उनके परिजनों के प्रति सहानुभूति प्रकट की है एवं शोक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इस बात को दोहराया कि, जब-जब इस घटना को लोग याद करंेगे, तब-तब भाजपा शासन की भूमिका पर भी प्रश्न चिन्ह लगते रहेंगे।