आरक्षक नें की खुदखुशी : सोसाईड नोट में प्रताडना का आरोप

अम्बिकापुर

सरगुजा जिले में एक आरक्षक नें फांसी लागकर आत्महत्या कर ली है… खुदखुशी करने वाला आरक्षक जिला मुख्यालय के पुलिस लाईन में पदस्थ था,, घटना के बाद मौके पर पंहुची लखनपुर पुलिस नें शव को पोस्टमार्डम करा लिया है.. लेकिन आऱक्षक के जेब से मिले सुसाईड नोट नें पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है.. क्योकि अंतिम पत्र में आरक्षक नें विभाग पर मानषिक प्रताडना का आरोप लगाया है….

मै गलत इंसान नही था, मै कभी किसी के बारे में गलत नही सोचता था,, सभी को मुझ पर गलतफहमी थी,, आज तक मैने पैसा भी नही चुराया , लेकिन विभाग में मुझे चोर कहते है… ऐसी और कई बाते उस सोसाईड नोट में लिखी है,, जो आत्महत्या करने वाले आरक्षक कबीर दास के पास से मिला है… दरअसल अम्बिकापुर पुलिस लाईन में पदस्थ आरक्षक कबीर दास नें जिले के लखनपुर थाना क्षेत्र स्थित अपने गांव बेलदगी गांव स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है… घटना से पहले मृतक आरक्षक कबीर पुलिस लाईन से ड्यूटी करके अपने घर पंहुचा था.. और घर पंहुचने के बाद उसने घर वालो से मानषिक प्रताडना की बात बताई थी… जिसके बाद उसने अपने कमरे में आत्महत्या कर ली।

कबीर की आत्महत्य़ा के बाद उसके घर के साथ ही पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है तो वही मृतक के पास से मिले सोसाइड नोट ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गया है,, हांलाकि इस घटना के बाद लखनपुर पुलिस नें शव का पोस्टमार्डम करा कर परिजनो को सौंप दिया ,,, इधर इस घटना पर परिजनो के आरोप और सुसाईड नोट में प्रताडना की बात लिेखे होने पर लखनपुर जांच करने की बात कह रही है…

पुलिस आरक्षक की आत्महत्या और सोसाईड नोट में प्रताडना की बात से अम्बिकापुर पुलिस लाईन में व्यापत तानाशाही साफ तौर पर उजागर हुई है.. क्योकि इस घटना के पहले भी गाहे बगाहे वंहा के अधिकारियो की तानाशाही और अडियल रवैये का दास्तां पुलिस लाईन से बाहर निकल चुकी है.. बहरहाल मानषिक प्रताडना के बाद आरक्षक कबीर की आत्महत्या की घटना नें पुलिस लाईन प्रबंधन का आरोपो के घेरे में ला दिया है.. लेकिन देखना है कि सोसाइट नोट में लगे आरोप की किस स्तर पर जांच होती है…