सुपेबेड़ा में शिविर लगाकर AIIMS के डॉक्टर कर रहे किडनी रोग पीड़ितों की जांच..

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में लोगों की जांच और इलाज की त्वरित व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इसी सिलसिले में 19 अक्टूबर को पं. ₹जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञों की संयुक्त टीम द्वारा सुपेबेड़ा में एक दिवसीय विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में करीब 35 लोगों की जांच की गई.

इस दौरान पांच लोगों के खून में क्रेटनिंन व यूरिया की मात्रा अधिक पाई गई. इनका आगे का इलाज रायपुर एम्स में किया जाएगा. गरियाबंद के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा इनके उपचार के लिए सभी जरूरी सुविधाएं और व्यवस्थाएं मुहैया कराई जाएगी.

विशेषज्ञों की टीम द्वारा गांव में घर-घर जाकर किडनी रोग से पीड़ित मरीज़ों एवं उनके परिजनों से बातचीत कर जांच की गई। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि ज्यादातर मरीज़ मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं. विशेष शिविर में एम्स के निदेशक ने कहा कि यहां पदस्थ लैब तकनीशियनों को एम्स में किडनी संबंधी रोगों एवं अन्य आवश्यक जांच का प्रशिक्षण दिया जाएग. एम्स की टीम द्वारा यहां समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया जाएगा.

सुपेबेड़ा में स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग उठा रहा अनेक कदम…

स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुपेबेड़ा व आसपास के गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं. मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से हर सप्ताह सुपेबेड़ा में दो दिन चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ़ द्वारा सेवाएं दी जा रही हैं. जिला अस्पताल में फ्लोराइड की जांच के लिए प्रयोगशाला स्थापित की गई है.

स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव के निर्देश पर त्वरित कार्यवाही करते हुए एम.डी. मेडीसिन की पदस्थापना देवभोग स्वास्थ्य केंद्र में की गई है. दंत चिकिसक द्वारा सुपेबेड़ा में महीने में दो दिन विशेष जाँच शिविर लगाकर मरीजों का उपचार किया जा रहा है. वहीं सभी तरह के किडनी संबंधी खून जांच, मधुमेह आदि की जांच की सुविधा जिला अस्पताल और देवभोग स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध कराई गई है.

स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर सुपेबेड़ा सहित आसपास के गांवों में भी किडनी संबंधी रोगों की विशेष स्क्रीनिंग प्रारंभ की गई है. गांव के लोगों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करने हेतु मितानिनों एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा तम्बाखू नियंत्रण व अन्य नशों से दूर रहने के लिए विशेष जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है.

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