अम्बिकापुर पंहुचते ही किसानो का हाल जानने पंहुचे नेता प्रतिपक्ष

अम्बिकापुर

नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंह देव आज रायपुर से अम्बिकापुर पंहुचते ही खैरबार ग्राम पंचायत सहित आसपास के क्षेत्रों का दौरा करने पंहुच गए । गौरतलब है कि पिछले गुरुवार को सरगुजा में आये चक्रवाती तूफान व ओलावृष्टि से पूरी फसल चौपट हो गई है। लिहाजा किसानों व उनके परिवार के लोगों से बातचीत कर नुकसान की जानकारी लेने नेता प्रतिपक्ष नें गांवो का दौरा काफी अहम माना जा रहा है। यंहा श्री सिंहदेव नें खैरबार ग्राम पंचायत के गाड़ाघाट, अमेरोडूगु सहित अन्य ग्रामों का दौरा कर खेत और किसान का हाल जाना।

ग्रामीण कृषकों के परिवार की एक महिला ने नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंह देव से बात करते हुए बताया कि परिवार में किसी की मृत्यु होने पर तो 13 दिन का ही संकट तथा समस्या उत्पन्न होती है, जिसे किसी तरिके से हम पार कर लेते हैं। किन्तु इस आंधी, तूफान तथा ओला वृष्टि से जिस तरह की नुकसान हुई है, उसे हमें वर्ष भर सहना पड़ेगा, पुरी की पुरी फसल ही तबाह हो गई है। नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंह देव के साथ पहुंचे कृषि विभाग, राजस्व विभाग तथा वन विभाग के अधिकारियों के समक्ष नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंह देव ने कहा कि जिस भी किसान की जितनी भी नुकसान हुई है, उसकी सही और पुरी जानकारी बनाकर भेजा जायें ताकि कृषकों को सही मुआवजा मिल सके और वर्ष भर इनके परिवार का पालन पोषण हो सकें।
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नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंह देव ने विगत दिनों हुए तबाही को देखते हुए इसे प्राकृतिक आपदा घोषित करते हुए, ग्रामों में शिघ्र राहत कार्य शुरू कराने की मांग प्रदेश सरकार से की है। वहीं नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंह देव ने कहा कि क्षेत्र की स्थिति काफी मार्मिक है, सरकार तथा जिला प्रशासन को यह देखना होगा कि मुआवजा के प्रकरण राजस्व संहिता की उस धारा के अधिन न बनाये जाये जिससे केवल 1000 से 2000 तक का ही मुआवजा इन्हें मिल सके। बल्कि क्षेत्र को प्राकृतिक आपदा घोषित करते हुए प्रति एकड़ अधिकतम मुआवजा दिया जाये जिससे की लोगों का भला हो सके। नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंह देव ने किसानों से चर्चा के बाद कहीं की सरकार गेहूं का बीज बांटने की योजना बना रही है, किन्तु जब क्षेत्र में सिंचाई सुविधा ही नहीं तो सरकार को चाहिए कि असिंचित बीज दिया जाये जो कि बिना सिंचाई के भी हो सके तथा क्षेत्रवासी कुछ क्षेत्रों में चना के बीज की मांग कर रहें हैं जिसे की ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं है।

मनरेगा की कार्य खोलने पर सवालिया निशान लगाते हुए नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंह देव ने कहा कि खैरबार ग्राम पंचायत जिसकी जिला मुख्यालय से दूरी मुश्किल से 3-4 किलोमीटर की दूरी पर है, किन्तु यहां पर हुए मनरेगा के कार्य का भुगतान वर्षों से लंबित है, बांध के समिप नर्सरी में कराये गये कार्य का भुगतान पिछले 3-4 महिने से नहीं हुआ है, ऐसे में मनरेगा का कार्य खुलने पर कैसे मजदुरी के लिये लोग कार्यस्थल पहुंचेंगे। सरकार व जिला प्रशासन को पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि कैसे कार्य का भुगतान जल्द से जल्द हो। सरकार व जिला प्रशासन दोनों को यह तय करना होगा कि ओला प्रभावित अम्बिकापुर, लुण्ड्रा, लखनपुर तथा अन्य जिलों के क्षेत्रों के उन सभी ग्रामों को प्राथमिकता के तौर पर लिया जाये और वहां पर कार्य का भुगतान प्रत्येक सप्ताह अथवा 15-15 दिनों मेें कराया जाये। ओला प्रभावित क्षेत्र के किसानों का इस वर्ष का कर्ज माफ किया जाये चाहे वो सहकारी बैंक के हों अथवा अन्य राष्ट्रीकृत बैंक के, पुराने कर्जेें पर इस वर्ष ब्याज न लिया जाये तथा ऐसे किसानों पर भी सरकार व जिला प्रशासन का ध्यान रहें जो कृषक वर्षो से वन भूमि पर काबिज हैं, वन भूमि के पट्टा हेतु जिन्होंने आवेदन किया है, किन्तु उनकी फसल वर्तमान में खराब हो गई है, ऐसे कृषकों को मुआवजा तो मिले ही साथ ही उनके वन अधिकार पट्टा के प्रकरण का निराकरण शिघ्र किया जाये। नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंह देव ने कहा कि सरकार व जिला प्रशासन ने पिछले दो तीन दिनों में जितनी सजगता से व्यवस्था दुरूस्थ करने हेतु कार्य किया है, उससे कहीं अधिक सजग होने की अब आवश्यकता है, किसानों का फसल तो नुकसान हुआ ही है, कई जगह ऐसी तबाही हुई है कि जानवरो को खिलाने के लिय पैरा(पुवाल) तक इस वर्ष नसीब नहीं होगा। अतः किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए शिघ्र प्राकृतिक आपदा के तहत् मुआवजा दिया जाये। इस दौरान जिला महामंत्री अरविन्द सिंह गप्पू, शफीक खान, कृषि विभाग, राजस्व विभाग, वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी तथा सरपंच, सचिव व ग्रामीणजन काफी संख्या में उपस्थित थे।