सीसीटीव्ही कैमरा बंद : पुलिस पस्त…..अपराधी मस्त

अम्बिकापुर

छत्तीसगढ के अपराध धानी के रुप मे विकसित हो रहे अम्बिकापुर में अपराधियो तक पंहुचने में ,, पुलिस को शायद थोडी मदद मिल जाती,, अगर शहर के चौक चौराहो मे लगे सीसीटीव्ही कैमरा नुमाईश के लिए ना टंगे रहते। दरअसल डेढ वर्ष पूर्व शहर मे अपराध नियंत्रण की मंशा से जो सीसीटीव्ही कैमरा लगाए गए थे,, वो शो पीस साबित हो रहे है। क्योकि पुलिस की उदासीनता से ज्यादातर कैमरे बंद पडे है।

अलग अलग किस्म के अपराधियो की शरणस्थली बन चुके अम्बिकापुर मे पुलिस अपने संसाधनो का उपयोग करने मे असफल रही है। क्योकि जिला पुलिस ने तकरबीन डेढ वर्षUntitled_0108 006 (1) पूर्व संभाग एंव जिला मुख्यालय अम्बिकापुर के ज्यादातर व्यस्ततम चौक चौराहो पर सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीव्ही कैमरे लगवाए थे। जिसके पीछे पुलिस की मंशा थी , कि शहर मे होने वाली चोरी, लूट और मारपीट की वारदातो को कैमरे मे कैद कर ,, उसके आरोपियो की पुलिस पहचान कर सके साथ ही अपराधियो की तत्काल गिरफ्तारी हो सके। लेकिन आलम ये है कि पुलिस विभाग द्वारा लगाए गए सीसीटीव्ही कैमरा की सेवा अपराधियो के लिए बंद पडी है।

गौरतलब है कि पिछले एक महीने मे शहर के मुख्य चौक चौराहो से लगे क्षेत्रो मे लूट और चोरी के कई वारदात हुई, जिसमे से ज्यादातर अपराध के अपराधी पुलिस गिरफ्त से बाहर है,, अगर शहर मे लगे ये सीसीटीव्ही कैमरा चालू होते , तो पिछले डेढ Untitled_0108 006 (12)साल से शहर मे हो रहे अपराधो मे 20 फीसदी अपराधियो की पहचान की जा सकती थी। इधर शहर के बंद पडे कैमरो की खबर लेकर जब हम पुलिस अधीक्षक राधे श्माम नायक जी के पास गए तो ,,उन्होने बंद पडे कैमरो की बात स्वीकार की,, और जल्द ही सुधार कार्य के साथ कुछ स्थानो में नए कैमरे लगाने की बात भी कही।

नई व्यवस्था बनाकर पुरानी व्यवस्थाओ को जिंदा रख अपराधियो को पकडना और आम लोगो को अपराधियो से महफूज रखना शायद पुलिस का नैतिक कर्तव्य है। लेकिन सरगुजा पुलिस अपने बनाए नियम कायदो के साथ अपनी ही बनाई व्यवस्था पर अमल नही कर पा रही है,,, और शायद यही वजह है कि शहर मे पुलिस के हौसले पस्त और अपराधियो को हौसले मस्त है…………..