सामाजिक समरसता का प्रतीक है बस्तर का प्रसिद्ध दशहरा : डॉ. रमन सिंह

रायपुर 06 अक्टूबर 2014

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह आज जगदलपुर में तत्कालीन बस्तर रियासत के राजपरिवार द्वारा आयोजित दशहरा मिलन कार्यक्रम में शामिल हुए। राजमाता कृष्णा कुमारी देवी सहित श्री कमल चंद भंजदेव और परिवार के सदस्यों ने परम्परागत ढंग से मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री को साफा पहनाकर सम्मानित भी किया गया। डॉ. रमन सिंह ने उन्हें तथा बस्तरवासियों को दशहरे की बधाई दी।
डॉ. सिंह ने समारोह में कहा कि लगभग 75 दिनों तक विभिन्न धार्मिक विधि-विधानों के साथ चलने वाला बस्तर का दशहरा पूरे देश और दुनिया में प्रसिद्ध है। बस्तरवासियों के इस महापर्व में शक्ति की देवी दन्तेश्वरी माता के रूप में मां दुर्गा की पूजा की जाती है। यह सामाजिक समरसता और सद्भावना का भी प्रतीक है। यहां दशहरे की सदियों पुरानी गौरवशाली परम्परा को बस्तरवासियों ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी सुरक्षित रखा है। राज्य सरकार भी बस्तर दशहरे के मौलिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए हरसंभव सहयोग दे रही है और आगे भी इसमें शासन-प्रशासन का पूरा सहयोग मिलता रहेगा। मुख्यमंत्री ने इसके पहले जगदलपुर के राजमहल के पास मां दन्तेश्वरी के मंदिर में पहंुचकर पूजा-अर्चना की। उन्होंने बस्तर सहित छत्तीसगढ़ और देश की जनता की सुख-समृद्धि की कामना की।
दशहरा मिलन समारोह में बड़ी संख्या मंे आदिवासी समाज के मांझी, मुखिया, चालकी और मेम्बरिन भी मौजूद थे। नगरीय प्रशासन एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अमर अग्रवाल, आदिम जाति विकास एवं स्कूल शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुश्री लता उसेण्डी, बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद श्री दिनेश कश्यप, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं दशहरा समिति के उपाध्यक्ष श्री लच्छुराम कश्यप, विधायकगण श्री महेश गागड़ा, श्री भोजराज नाग, महापौर श्री किरण देव, पूर्व विधायक डॉ. सुभाऊराम कश्यप, नगर पालिका कोण्डागांव की अध्यक्ष श्रीमती किरण उसेण्डी और जनपद पंचायत बस्तर के उपाध्यक्ष श्री रुपसिंह मंडावी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।