संविधान दिवस पर न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों ने निकाली जागरूकता रैली

अपने कर्तव्यों का निर्वहन सभी को ईमानदारी से करने की है आवष्यकता – बी.पी. वर्मा   
अम्बिकापुर संविधान दिवस के अवसर पर आज 26 नवम्बर 2017 को पूर्वान्ह 11 बजे जिला न्यायालय परिसर से न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्ता संघ, जिला न्यायालय एवं विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बिकापुर के कर्मचारीगण द्वारा जन जागरूकता रैली निकाली गई। इस रैली को जिला न्यायाधीष के अध्यक्ष बी.पी. वर्मा द्वारा हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया। रैली का उद्देष्य समाज से न्याय के प्रति जागरूकता एवं अपने कर्तव्यों और अधिकारों के लिए सजग होने के साथ-साथ न्याय व्यवस्था को सहयोग व समानता का अधिकार सभी को मिले। इसके साथ-साथ 9 दिसम्बर 2017 को होने वाले नेषनल लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु अम्बिकापुर न्याय विभाग एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा समाज में फैले हुए असामाजिक बुराईयों को खत्म करने के लिए आह्वान व जागरूक किया गया।
 अम्बिकापुर के जिला एवं सत्र न्यायाधीष बी.पी. वर्मा द्वारा सभा को सम्बोधित करते हुए सभा में उपस्थित समस्त न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्तागण एवं कर्मचारीगण को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में अपने-अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों के निर्वहन के लिए हमेषा सजग एवं ईमानदार रहने के साथ ही साथ कर्तव्यनिष्ठ बनने की सीख दी गई। व्यक्तिगत जीवन में भी हमें अपने मूलभूत अधिकारों का ज्ञान होना चाहिए एवं संविधान की रक्षा करना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है, समाज को जागरूक करना, दिषा प्रदान करना और विकास करना ये हमारा ही कर्तव्य है, इसके लिए आज हम सभी संविधान दिवस में प्रण करें, कि हम सब मिलजुलकर संविधान की रक्षा करेंगे एवं अपने कर्तव्यों के प्रति सदा ईमानदार एवं कर्तव्यनिष्ठ होकर न्याय प्रणाली को सुदृढ़ एवं सषक्त बनाएंगे।
रैली के पष्चात जिला न्यायालय परिसर में जिला न्यायालय जिला विधिक प्राधिकरण एवं अधिवक्ता संघ अम्बिकापुर द्वारा संविधान दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। जिसमें जिला न्यायाधीष बी.पी. वर्मा द्वारा संविधान की उद्देषिका – हम, भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विष्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिष्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज 26 नवम्बर 1949 को इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।
गौरतलब है कि अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अषोक दुबे ने सभा को सम्बोधित करते हुए कार्यपालिका, न्यायपालिका एवं व्यवस्थापिका के महत्वों एवं कर्तव्यों के बारे में बताया गया। अधिवक्ता ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष द्वारा समाज में व्याप्त असहिष्णुता एवं न्यायपलिका के महत्व और कार्यो के बारे में बताया गया। शासकीय अधिवक्ता लोक अभियोजक सुभाष अग्रवाल द्वारा भारतीय संविधान के इतिहास एवं उन वीर कर्णधारी के बलिदान जिन्होंने संविधान को स्थापित करने के लिए अपने जीवन का सर्मपण किया। स्थायी लोक अदालत के चेयरमेन विजय कुमार जोलहे द्वारा संविधान के इतिहास तथा प्रजातांत्रिक देष के रूप में विष्व के सबसे बड़े लिखित संविधान को परिलक्षित किया गया तथा इसके संरक्षण एवं संर्वधन व क्रियान्वयन के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन जिला न्यायाधीष के प्रबंधक गौरव मिश्रा द्वारा तथा आभार प्रदर्षन अधिवक्ता संघ के सचिव उमंग दुबे द्वारा किया गया।