संलग्नीकरण के कारण कुछ स्कूल हुए शिक्षक विहीन और कई एकल शिक्षकीय

नियम विरूद्ध तरीके से किया गया संलग्नीकरण, कागजों में चल रहा गुणवत्ता अभियान 

कोरिया 

सोनहत से राजन पाण्डेय 

जिले में जहां शिक्षा गुणवत्ता अभियान अपने चरम पर है वहीं सोनहत विकासखंड के आला अधिकारी गुणवत्ता अभियान को ठेंगा दिखाने में कोई कसर नही छोड़ रहे है। आलम है कि शिक्षा अधिकारीयों की कृपा से क्षेत्र में संलग्नीकरण का माया जाल इस कदर फैला हुआ है कि उसके प्रभाव से कई स्कूल जहां कभी शिक्षक हुआ करते थे वो शिक्षक विहीन हो गये और जहां दो शिक्षक पदस्थ थे वहां वर्तमान में एक ही शिक्षक शेष बचे है। ऐसे में जहां स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है वही विद्यार्थीयों का भविष्य भगवान भरोषे हो गया है। उल्लेखनीय है कि जहां शासन द्वारा सलग्नीकरण हटाने पर जोर दिया जा रहा है वहीं सोनहत क्षेत्र में व्यापक स्तर पर संलग्नीकरण जोरों पर जारी है । ऐसे में गुणवत्ता अभियान कारगर कैसे साबित होगा यह सोचनीय प्रश्न बनता जा रहा है।

पांच दर्ज संख्या में दो शिक्षक फिर भी स्कूल बंद 

वनांचल क्षेत्रों के कई स्कूल आए दिन बंद रहते है लेकिन प्रशासनिक अधिकारीयों को इससे कोई सरोकार नही है। 7 फरवरी दिन मंगलवार को जब राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करने वनांचल ग्राम धनपुर माध्यमिक शाला में पहुची तो विद्यालय बंद मिला स्थानीय ग्रामीणों से बात करने पर पता चला की विद्यालय काफी दिनों से बंद है तब चिरायू टीम के चिकित्सकों ने स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से स्कूल में दर्ज बच्चों को बुलवाकर प्राथमिक शाला के सामने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया । इस संबंध में डा अरविन्द यादव ने बताया की जब वो स्कूल में पहुचे तो मध्यान भोजन बनाने वाली कार्यकर्ता ने उन्हे जानकारी दी की स्कूल में दो शिक्षक पदस्थ है जिसमें एक शिक्षक 26 जनवरी को स्कूल आए थे और दूसरे शिक्षक 29 जनवरी को स्कूल में पहुचे थे जिसके बाद स्कूल बंद पड़ा हुआ है और सब कुछ भगवान भरोषे चल रहा है। गांव की ही महिला सीता बाई सुखमन जयमतिया एवं रनिया बाई ने जानकारी देते हुए बताया की स्कूल अक्सर बंद ही रहता  कभी कभार जब शिक्षक आते है तब स्कूल खुलता है।

ग्रामीण महिलाओं ने बताया की प्रतिदिन स्कूल नही खुलने के कारण ग्रामीण अपने बच्चों को यहां पर नही पढ़ाना चाहते है और इसी कारण उक्त स्कूल में महज 5 छात्राएं ही दर्ज है जिसमें से एक छात्रा निःशक्त भी है विद्यालय में भोजन बनाने वाली सहायिका ने बताया कि स्कूल नही खुलने के कारण यहां पर मध्यान भोजन भी कभी कभार ही बन पाता है जिससे बच्चों को भारी परेशानी होती है।

यहां दो स्कूल के बीच एक शिक्षक 

धनपुर से और आगे मध्यप्रदेश की सीमा से लगे ग्राम गोयनी में प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला मिला कर लगभग 99 बच्चे दर्ज है और दोनो स्कूल के बीच एक शिक्षक पदस्थ है लेकिन शिक्षक की लगन के कारण दोनो स्कूल प्रतिदिन नियमानुसार खुलते है और मध्यान भोजन भी निर्धारित मीनू अनुसार संचालित होता है । लेकिन अहम सवाल यह है कि जब पुर्व में यह स्कूल एकल शिक्षकीय था तो यहां के शिक्षक को अन्यत्र संलग्न क्यू किया गया इसका जवाब शिक्षा अधिकारी के पास भी नही है वहीं यहां के शिक्षक को अन्यत्र संलग्न किये जाने से यहां का स्कूल शिक्षक विहीन हो गया है और प्राथमिक शाला के शिक्षक को ही दोनों स्कूल के संचालन के साथ साथ शासकीय कागजी कार्यवाही भी करना पड़ रहा है।

ये स्कूल है एकल शिक्षकीय 

वर्तमान में प्रथमिक शालाओं में मझगवां चुलादर पश्चिमपारा बघवार पंडोपारा खैरवारीपारा उज्ञांव सेमरीया काचरडांड़ रावतसरई ठकुरहत्थी कदना निगनोहर आंनदपुर गोयनी सलगवांखुर्द धनुर ललमटटा एवं कुर्थी के प्रथमिक शाला एकल शिक्षकीय हैं वही माध्यमिक शालाओं में लोलकी सेमरीया सुक्तरा सिंघोर तुर्रीपानी रावतसरई बंशीपुर दंवतीडांड़ कोठाडांड़ भरही डी बोडार माध्यमिक शाला एकल शिक्षकीय है। इनमें से अधिकांश ऐसी शालाएं है जो संलग्नीकरण के कारण एकल शिक्षकीय हुए है। इन स्कूलों के अलावा वर्तमान में माध्यमिकशाला गोयनी मझगवां एवं उधैनी पूरी तरीके से शिक्षक विहीन स्कूल है जिसकी जानकारी प्रशासन को भी है बावजूद इसके प्रशासन द्वारा यहां पर व्यवस्था के सुलभ संचालन के लिए कोई पहल नही किया जा रहा है।

कछुवाखोह में भी हालत खराब 

वनांचल ग्राम कछुवााखोह के प्राथमिक शाला में दर्ज कुछ बच्चों के पास स्कूली किताबें नही होने की जानकारी स्थानीय ग्राम जनों ने दिया है अब ऐसी स्थिती में स्कूली बच्चों के पढ़ाई का स्तर क्या होगा यह स्वमेव सिद्ध है।

जांच सिर्फ कागजों में 

कई स्कूलों में संलग्नीकरण के कारण शिक्षा च्यवस्था चैपट है कई स्कूल समय समय पर बंद रहते है जिसकी मौखिक एवं लिखित शिकायत आए दिन अधिेकारीयों से होती रहती है बावजूद इसके शिक्षा विभाग द्वारा कोई कार्य वाही नही किया जाना विभागीय कार्यशैली को सावालिया बनाता जा रहा है। इस संबंध में जब विकासखंड शिक्षा अधिकारी सोनहत से जानकारी चाही गई तो धनपुर स्कूल के बंद मिलने की शिकायत पर उन्होने तत्काल जांच कराने को कहा है