शंकरघाट मे इस वर्ष भी छठ पर्व की भव्य तैयारियां : 50 हजार श्रर्दालुओ के आने की संभावना

अम्बिकापुर 

पौराणिक मान्यताओ के मुताबिक सूर्य उपासना का पर्व छठ ,,संतान की दीर्घायु के लिए मनाया जाता है। झारखंड की सीमा से लगे अम्बिकापुर मे वर्षो से इस त्यौहार को सामूहिक रुप से मनाने की परंपरा है। और इस बार भी छठ पर्व के सबसे बडे आयोजन के लिए शंकर घाट मे आयोजनकर्ताओ द्वारा तैयारिया पूर्ण कर लगी गई है। साथ ही सुरक्षा के लिहाज से पुलिस और प्रशासन ने भी व्यवस्ताओ का आज अंतिम जायजा ले लिया है।

24 घंटे के निर्जला पूजा अर्चान और काफी कठिक माने जाने वाले छट के व्रत के लिए वैसे तो अम्बिकापुक के कई तालाबो मे तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। लेकिन पिछले एक दशक से शहर के शंकरघाट मे होने वाले सामूहिक छठ पर्व के लिए भव्य तैयारिया की गई है। आयोजनकर्ताओ के मुताबिक गत वर्ष की भीड को देखकर इस वर्ष 50 हजार श्रर्दालुओ के हिसाब से यंहा पर व्यवस्थाए की गई है। आयोजन समिति के अध्यक्ष विजय सोनी के मुताबिक इस बार छठ पूजा का तैयारी 50 हजार श्रर्दालुओ के यंहा आने के हिसाब से की गई है।

शहर के झारंखड जाने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित शंकरघाट मे होने वाले छठ पर्व मे उमडने वाली भीड के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन ने भी आज तैयारियो का जायजा लिया। पुलिस विभाग की ओर से नगर पुलिस अधीक्षक पंकज शुक्ला और प्रशासन की ओर से तहसीलदार पुषपेन्द्र शर्मा ने आयोजन स्थल शंकर घाट मे व्यवस्थाओ का जायजा लिया। सीएसपी के मुताबिक घाट मे सुरक्षा के लिहाज से जवानो की तैनातगी के साथ ही ट्राफिक कंट्रोल के लिए रोजाना  इस मार्ग से होने वाले वाहनो की आवाजाही के लिए दूसरा मार्ग चयनित किया गया है।

छट पर्व के रीति रिवाज के मुताबिक कल यानि 27 अक्टूबर को नहान खान , 28 अक्टूबर को खीर भोजन और 29 को डूबते सूरज को अर्क देने के बाद 30 की सुबह उगते सूरज को अर्क देकर छठ व्रत का पारण किया जाएगा। इस दौरान 29 की सुबह से व्रत रखने वाले महिला पुरुष 24 घंटे तक निर्जला उपवास रहकर सूर्य भगवान से अपने संतान की लंबी उम्र की कामना करेंगे। बहरहाल इस बार की तैयारियो को देखकर ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि छठ पर्व का जो दृश्य शहर के शंकर घाट मे दिखेगा। वो अद्भुत होगा।