राजनीति बडी रपटीली है…बस चलना आना चाहिए : सरोज पाण्डेय

अम्बिकापुर 

भाजपा के पंचायत जनप्रतिनिधि सम्मेलन मे शामिल होने आई ,,भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पाण्डेय ने छत्तीसगढ में नक्सलवाद कि विकराल होती समस्या के लिए पूर्व की यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है,, ,साथ ही मुख्यमंत्री के तौर पर उनको अवसर मिलने के सवाल पर दबी जुबान कुछ इशारा भी किया।

अपने तीखे तेवर और चिरपिरचित अंदाज के लिए चर्चित दुर्ग की पूर्व सांसद और भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पाण्डेय आज अम्बिकापुर प्रवास पर थी। भाजपा के संभाग स्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधि सम्मेलन मे मुख्यमंत्री डाँ रमन सिंह के साथ हिस्सा लेने आई,, सुश्री पाण्डेय ने सम्मेलन के बाद कुछ वक्त भाजपा कार्यालय मे महिला मोर्चा और भाजपा कार्यकर्ताओ के साथ बिताया। इस दौरान मिडिया के सवालो के जवाब देते हुए सरोज पाण्डेय ने हाल की नक्सली घटना और नक्सवाद के विकराल होते स्वरुप के लिए पूर्व की यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया,, और कहा कि पूर्व की सरकार ने पहले नक्सल समस्या को राष्ट्रीय समस्या नही माना ,, और जब माना तो काफी देर हो चुकी थी। इसके अलावा सुश्री पाण्डेय ने कहा कि राज्य और केन्द्र सरकार इस सम्सया से लड रही है और देर से ही सही जीत हमारी ही होगी।

बीते विधानसभा चुनाव के पहले और बाद मे छत्तीसगढ में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलो का बाजार गर्म था,, जिसको लेकर चर्चा अब भी राजनैतिक और सामाजिक गलियारो मे उठती रहती है। इन्ही चर्चाओ और अटकलो के सवाल के साथ ही प्रदेश मे महिला नेतृत्व के सवाल पर सुश्री पाण्डेय से हमने उनकी राय जाननी चाही,, तो ऊपरी नाराजगी भरे शब्दो के साथ ही उन्होने इशारो इशारो में अपने दिल की बात कहने की कोशिश की,,, और कहा कि राजनीति बडी रपटीली है बस चलना आना चाहिए। वैसे उन्होने ये भी कहा कि महिला है इसलिए अवसर मिले,,, मै इसकी पक्षधर नही हूं।

केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद छत्तीसगढ की राजनिती मे,,  नेतृत्व परिवर्तन को लेकर पक्ष विपक्ष के बीच जमकर नूरा कुश्ती हुई थी। और जिन संभावित नामो पर सबसे अधिक चर्चा हुई थी,, उनमे सबसे उपर सरोज पाण्डेय की ही नाम था,,, बहरहाल नेतृत्व परिवर्तन हो चाहे नही,,,पर ऐसी चर्चाओ से मन मे लड्डू फूटना तो लाजमी है।