मुख्यमंत्री ने नक्सलियों से किया बंदूक छोड़ने और शांतिपूर्ण विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का आव्हान

रायपुर 

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज एक बार फिर नक्सलियों से हिंसा का रास्ता और बंदूक छोड़ने और शांतिपूर्ण विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का आव्हान किया। डॉ. सिंह ने कहा कि हिंसा और आतंक से किसी भी समस्या का कोई हल नहीं निकल सकता। सिर्फ शांतिपूर्ण विकास के रास्ते से ही देश और समाज में खुशहाली आ सकती है। अगर माओवादी अथवा नक्सली बंदूक छोड़ें तो हम उन्हें गले लगाने को भी तैयार रहेंगे। मुख्यमंत्री आज दोपहर राज्य के नक्सल हिंसा पीड़ित बीजापुर जिले के विकासखण्ड मुख्यालय भैरमगढ़ और जिला मुख्यालय बीजापुर में आयोजित कार्यक्रमों में विशाल जनसभाओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा-अगर सरकार जनता की सुविधा के लिए सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल और अस्पताल बनवा रही है, लोगों के लिए पेयजल और बिजली की व्यवस्था कर रही है तो इसमें किसी को भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। नक्सली इन विकास कार्यों का विरोध क्यों कर रहे हैं?
डॉ. सिंह ने इस अवसर पर दोनों कार्यक्रमों में बीजापुर जिले की जनता की सुविधा के लिए लगभग 502 करोड़ 70 लाख रूपए के 55 निर्माण कार्यों का लोकार्पण, भूमिपूजन और शिलान्यास किया। इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 63 के अंतर्गत भैरमगढ़ से बीजापुर तक 48 किलोमीटर की नवनिर्मित सड़क भी शामिल है, जिसके निर्माण में 184 करोड़ 54 लाख रूपए की लागत आई है। मुख्यमंत्री ने भैरमगढ़ में 13 करोड़ 75 लाख रूपए की लागत से निर्मित 500 सीटों वाले एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय परिसर का भी लोकार्पण किया। लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री को आदिवासियों के परम्परागत तीर-धनुष भेंटकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा – बीजापुर जिले में हाल के वर्षों में इस जिले में विकास के अनेक महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं, जिनका लाभ यहां की जनता को मिल रहा है। वनमंत्री श्री महेश गागड़ा और लोकसभा सांसद श्री दिनेश कश्यप भी उपस्थित थे। सम्बोधित करते हुए कहा कि बीजापुर के बच्चे शिक्षा में आगे बढ़ रहे हैं। बस्तर बटालियन में बीजापुर जिले के 240 बच्चों का चयन हुआ है। ये बच्चे इस क्षेत्र में शांति के संदेशवाहक और विकास के रक्षक बनेंगे। उन्होंने कहा कि सबके सहयोग से इस क्षेत्र में भी विकास का सपना जल्द ही साकार होगा । बीजापुर विकसित, स्वच्छ और स्वस्थ जिला बनेगा।
मुख्यमंत्री ने बीजापुर की जनसभा में कहा – वर्ष 2007 में जब हमने बीजापुर जिले का गठन किया था, तब कई लोगों ने इस फैसले को शंका की दृष्टि से देखते हुए इसका मजाक उड़ाया था और यह सवाल उठाया था कि इस छोटे से गांव में कोई सरकारी कर्मचारी रहना नहीं चाहता, तो क्या कलेक्टर सहित वहां 32 विभागों के अधिकारी और कर्मचारी रहना पसंद करेंगे ? लेकिन लोगों की यह आशंका निर्मूल साबित हुई। मुख्यमंत्री ने कहा- जिला गठन के समय शंका जाहिर करने वालों को मैं इस जिले की तरक्की देखने के लिए आमंत्रित करना चाहता हूं। आज यह जिला विकास की दौड़ में किसी से भी पीछे नहीं है। इस जिला मुख्यालय को और जिले को तेजी से विकसित होता देखकर मुझे खुशी होती है। बीजापुर एक छोटा सा गांव था, जो अब एक विकसित और सुव्यवस्थित शहर का रूप ले रहा है। जैैसे अपने नन्हें बच्चे को बढ़ता देखकर माता-पिता को खुशी होती है, वैसी ही खुशी मुझे बीजापुर की तरक्की को देखकर हो रही है। उन्होंने कहा कि नये राज्य के गठन के बाद से छत्तीसगढ़ सहित प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में विकास की गति तेज हुई हैं। उन्होंने इसका श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी को दिया। मुख्यमंत्री ने कहा- स्वास्थ्य सेवाओं के मामलों में भी इस जिले में काफी प्रगति हुई है। उन्होंने बीजापुर में सेवाएं दे रहे डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज बीजापुर में कठिन से कठिन बीमारियों का इलाज भी आपकी वजह से संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि बीजापुर में एजुकेशन हब का निर्माण किया जाएगा। युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए छत्तीसगढ़ का लाइवलीहुड कॉलेज देश के लिए मॉडल बन गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तेन्दूपत्ता पारिश्रमिक की दर बढ़ाकर 1800 रूपए प्रतिमानक बोरा कर दी गयी है। उन्होंने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, सौर सुजला योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी भी दी। उन्होंने बीजापुर जिले के जनप्रतिनिधियों और नागरिकों से जिले को अक्टूबर 2018 तक खुले में शौचमुक्त बनाने का आव्हान किया। मुख्यमंत्री ने भैरमगढ़ में लगभग 13 करोड़ 70 लाख रूपए की लागत से निर्मित पांच सौ सीटों वाले एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, जिले के नौ गांवों के लिए 90 लाख रूपए की लागत से छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा सौर ऊर्जा प्रणाली से की गई प्रकाश व्यवस्था, 19 गांवों में क्रेडा द्वारा आठ करोड़ 55 लाख रूपए की लागत से दीनदयाल ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत सौर ऊर्जा से विद्युतीकरण का लोकार्पण किया। उन्होंने दीनदयाल ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा पांच गांवो-पेंकरम, ओड़सन, पोड़का, कोडे़पल्ली और जारवा चार करोड़ 80 लाख रूपए की लागत से किए गए विद्युतीकरण, बीजापुर के शासकीय जिला अस्पताल में दो करोड़ 67 लाख रूपए की लागत से निर्मित 50 बिस्तरों के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य वार्ड का भी लोकार्पण किया।
डॉ. रमन सिंह ने जिला मुख्यालय बीजापुर में जिन निर्माण कार्यों का भूमिपूजन और शिलान्यास किया, उनमें स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 96 करोड़ रूपए की लागत से दंतेवाड़ा के ग्राम जावंगा की तर्ज पर बनाई जाने वाली एजुकेशन सिटी, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पारेषण कम्पनी द्वारा 90 करोड़ 75 लाख रूपए की लागत से बनाए जाने वाले 132/33 के.व्ही. क्षमता के विद्युत उपकेन्द्र और क्रेड़ा द्वारा 14 गांवों में एक करोड़ 40 लाख रूपए की लागत से स्थापित किए जाने वाले सोलर स्ट्रीट लाईट से संबंधित कार्य भी शामिल हैं। डॉ. सिंह युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए बीजापुर में संचालित लाईवलीहुड कॉलेज के लिए दो करोड़ 63 लाख रूपए की लागत से बनने वाले भवन का भी शिलान्यास किया। उन्होंने बीजापुर के कार्यक्रम में उसूर तथा भोपालपट्नम के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आई.टी.आई.) के भवनों का भी भूिमपूजन और शिलान्यास किया। डॉ. सिंह ने इसके अलावा पांच गांवों-जैवारम, गुदमा, कुएनार, पिनकोण्डा और कोड़ोली की नल-जल प्रदाय योजनाओं और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बासागुड़ा सहित उप स्वास्थ्य केन्द्र धनोरा, तोएनार और बेदरे का भी भूमिपूजन किया।