भ्रष्टाचार बनाम विकास का मुद्दा होगा चुनाव में

चिरमिरी से रवि कुमार

नगरीय निकाय चुनाव में गुलाबी ठंड ने सभी दलो के प्रचार अभियान में गर्माहट ला दी गई है। प्रत्याषियों द्वारा झंडे, बैनर, फ्लैक्स के साथ प्रचार वाहन भी नगर में घूम रहे है। युवा वर्ग सोषल मीडीया पर भी नित नई चुनावी बहस में सक्रिय हो रहा है। गल्ली मोहल्ले और चैराहे चुनावी चर्चा में मषगूल होने लगे है। भाजपा नरेन्द्र मोदी, अमित सा और रमन सिंह के नाम पर तो काग्रेस भ्रष्टाचार, स्थानीय मुद्दों और अपने उम्मीदवार की बेदाग छवि को लेकर चुुनावी रणनीति के साथ सक्रिय बढ़ा रहा है।
c 1वही पसार्टी से बगावत कर निर्दलिय चुनाव लड़ रहे प्रत्याषि भी कुछ कम नही प्रचार का माध्यम बिल्कुन अलग अंदाज में प्रचार कर रही है।
भाजपा प्रत्याषी संजय सिंह के चुनाव प्रचार का कमना विधायक ष्याम बिहारी जयसवाल के पास है। जबकि कांग्रेस प्रत्याषी मो0 ईमाम की चुनावी  रणनीती. ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चुणामन दास व भागवत दुबे दोनों प्रत्याषियों के वार्ड-वार पार्षद पद के प्रत्याषियों के साथ सघन जनसंपर्क के दौरान मददाता वर्ग सजग होकर सभी प्रत्याषियों का आंकलन करने में जुट गया है। पाच वर्षो तक निगम में काबिज होने  के कारण भाजपा को अधुरे रह गए कार्यो और समस्याओं का दबाव सहना पड़ रहा है। कांग्रेस को प्रत्याषी को चिरमिरी से लेकर दिल्ली तक विपक्षि दल की सरकार होने के बावजूद विकास करवाने की आषा जगानी पड़ रही है।
विधानसभा और लोकसभा के बाद एक वर्ष के बीच यह तीसरा चुनाव है। पिछले दोनों चुनाव में नरेन्द्र मोदी का नषा चढ़ाना चाह था और भाजपा इस चुनाव में भी मोदी की खुमारी मतदाताओं पर चढ़ाना चाह रही है। भाजपा प्रत्याषी के फ्लैक्स, बैनर से लेकर प्रचार गीतों में भी मोदी को ही प्रमुखता दी जा रही है। वहीं कांग्रेस भाजपा को नरेन्द्र मोदी द्वारा उठाए गए सबसे बडे़ मुद्दे भ्रष्टाचार पर ही धेरने की रणनीति लेकर चलती दिख रही है।
कांग्रेस और भाजपा के बागियों ने बनाया तीसरा मोर्चा जनमंच c 2
कांग्रेस से बगावत कर महापौर के लिए चुनाव लड़ने वाले
के0 डामरु रेडडी जनमंच की इस चुनाव में विकल्प देने की राजनीति शुरु हो गई है। जनमंच में दोनो दलो को छोड़कर आए कद्दावर शामिल है, जिनकी बदौलत बगावत के सूर छेड़ने वालों ने चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है। हांलाकि डमरु रेडडी के समर्थक पूर्व में बगावत का संकेत दे चुके थे। अब तक गतिविधियों के बाद ज्यादा संभावना होने की बात आ रही है।

बीते दिनों की दिला रहे याद

नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेसी राशन कांड के साथ बिलासपुर में हुए नसबंदी कांड को लेकर भी मतदाताओं तक पहुंच रही है। बीते दिनों में हुई इन घटनाओं की याद दिलाकर कांग्रेसी मतदाताओं से चुनाव में जीत के लिए समर्थन मांग रहे हैं। चुनावी प्रचार में कांग्रेसी लोगों को यह भी बता रहे हैं कि किस तरह उन्हें राशन कार्ड के लिए दिक्कतों से गुजरना पड़ा, क्योंकि विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद सरकार ने थोक के भाव में हजारों हितग्राहियों के राशन कार्ड निरस्त कर दिए थे। आज भी ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें राशन कार्ड के लिए भटकना पड़ रहा है। इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेसी चुनावी संग्राम में लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
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विकास का कर रहे दावा
इधर भाजपा भी चुनावी मैदान में प्रदेश सरकार द्वारा दस सालों में किए गए विकास कार्यों को लेकर मतदाताओं तक पहुंच रही हैं। साथ ही शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का वादा मतदाताओं से जीत के लिए समर्थन मांग रहे हैं। इसी तरह निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में कूद चुके हैं। भाजपा और कांग्रेस की तरह निर्दलीय उम्मीदवार भी विकास और शहर की समस्याओं को दूर करने का वादा कर रहे हैं। केंद्र और राज्य से साथ शहरी सत्ता में भी भाजपा को बैठाने पर जोर दिया जा रहा है ताकि शहर के विकास को कोई रोक न पाए

भाजपा की कलह सड़क पर
यह बताना लाजिमी है कि भाजपा से चुनाव लडने कि मंषा लेकर पार्टी से टिकट मांगने वालो में षामिल रहें पूर्व जिला महामंत्री राधेष्याम अग्रवाल पार्टी के लिए सिर दर्द बढ़ा दिया है। सत्ताधारी पार्टी होने के बाद भी स्थानीय स्तर पर पार्टी की कलह निकाय चुनाव में सड़क पर आ गयी है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है।